भारतीय कंपनियों का FY26 की दूसरी तिमाही का अर्निंग सेज़न उम्मीद के मुताबिक मजबूत रहा. इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, मिड कैप कंपनियों का प्रदर्शन विशेष रूप से बेहतर रहा, जबकि स्मॉल कैप सेगमेंट में कुछ कमजोरी देखने को मिली् ब्रोकरेज कंपनी मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन कंपनियों ने अब तक तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, उनके सालाना आधार पर मुनाफे में लगभग 14% की बढ़ोतरी हुई है, जो विश्लेषकों की अपेक्षाओं के अनुरूप है.
लार्ज कैप की अर्निंग में 13% की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं, मिड कैप सेगमेंट ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 26% की बढ़ोतरी दर्ज करवाई है, जिसे टेक्नोलॉजी, सीमेंट, मेटल, पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और नॉन-लीडिंग एनबीएफसी का समर्थन मिला. डेटा के अनुसार, स्मॉलकैप सेगमेंट के प्रदर्शन में 3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. प्राइवेट बैंक, नॉन-लीडिंग एनबीएफसी, टेक्नोलॉजी, रिटेल और मीडिया की वजह से सेगमेंट का परफॉर्मेंस प्रभावित रहा। 69% स्मॉल कैप कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा.
वहीं, लार्जकैप कंपनियों में 84% और मिडकैप कंपनियों में 77% का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप रहा. सेक्टोरल स्तर पर सबसे तेज बढ़त ऑयल और गैस सेक्टर में देखी गई. सरकारी फ्यूल रिटेलर्स के मुनाफे में लगभग नौ गुना वृद्धि हुई, जिससे इस सेक्टर की ग्रोथ 79% तक पहुंच गई. इसके अलावा, सीमेंट और कैपिटल गुड्स सेक्टर में 17% की वृद्धि रही, जबकि टेक्नोलॉजी सेक्टर में 8% और मेटल्स सेक्टर में 7% की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
इन सभी सेक्टर्स ने मिलकर कुल प्रॉफिट ग्रोथ में 86% का योगदान दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक निफ्टी की 27 कंपनियों ने अपनी तिमाही नतीजों की घोषणा की है, जिनमें से एचडीएफसी बैंक, TCS, JSW स्टील और इंफोसिस आदि की वजह से अर्निंग में बीते वर्ष के मुकाबले 5% की बढ़त दर्ज की गई. इसके अलावा, कुल 7 निफ्टी कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कम रहे, 5 कंपनियों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि 15 कंपनियों के नतीजे उम्मीद के अनुरूप रहे.