बैंकों का सकल NPA मार्च में कई दशक के निचले स्तर 2.3% पर: RBI Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारतीय रिज़र्व बैंक की जून 2025 की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के मुताबिक, देश के बैंकिंग क्षेत्र में सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (GNPA) मार्च 2025 में घटकर 2.3 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि पिछले कई दशकों का सबसे निचला स्तर है. सितंबर 2024 में यह आंकड़ा 2.6% था. हालाँकि, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि मार्च 2027 तक GNPA फिर से बढ़कर 2.6% हो सकती .

क्यों है यह खबर में?

RBI की यह रिपोर्ट बैंकिंग प्रणाली की संपत्ति गुणवत्ता, ऋण वितरण, और वित्तीय स्थिरता को लेकर एक महत्वपूर्ण संकेत देती है. यह दिखाती है कि एसेट क्वालिटी रिव्यू और पूंजी पुनः निवेश जैसे सुधारों के बाद बैंकिंग सेक्टर की स्थिति में दीर्घकालिक सुधार आया है, लेकिन भविष्य में कुछ चुनौतियाँ बनी रह सकती हैं.

मार्च 2025 तक GNPAs की स्थिति

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCBs) का GNPA अनुपात: 2.3%
  • सितंबर 2024 में: 2.6%
  • मार्च 2027 के लिए अनुमानित: 2.6%

GNPA में गिरावट के प्रमुख कारण

  • निजी और विदेशी बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर ऋण का write-off (हटाना)
  • नई फंसी ऋण राशियों में कमी: slippage ratio स्थिर रहा 0.7%
  • AQR के बाद बैंकों द्वारा अपनाए गए सुधारात्मक उपायों का प्रभाव
  • शीर्ष 100 उधारकर्ताओं में कोई भी NPA नहीं घोषित

Write-Off प्रवृत्तियाँ (FY25)

  • Write-off to GNPA ratio: 31.8% (FY24 में 29.5%)
  • Write-offs में मुख्य योगदान: निजी और विदेशी बैंक
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा write-offs में मामूली गिरावट

क्षेत्र-वार GNPA स्थिति

बड़े उधारकर्ता

  • कुल GNPAs में हिस्सेदारी: 37.5%
  • GNPA अनुपात में गिरावट: 3.8% (सितंबर 2023) से घटकर 1.9% (मार्च 2025)
  • कुल बकाया ऋण में हिस्सेदारी: 43.9%
  • शीर्ष 100 उधारकर्ताओं का कुल बैंकिंग क्रेडिट में हिस्सा: 15.2% (स्थिर)
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