पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने व्यापक स्तर पर कई अहम सुधार लागू किए हैं, जिनसे एक आधुनिक, प्रभावी और नागरिक-केन्द्रित व्यवस्था को मजबूती मिली है. इस प्रक्रिया में 40,000 से अधिक अनुपयोगी नियमों को समाप्त किया गया और 1,500 से ज्यादा पुराने कानूनों को निरस्त किया गया, जिससे देश में कारोबार और प्रशासन को आसान बनाया गया है.
इसी दिशा में 22 सितंबर से लागू जीएसटी दरों में बदलाव को भी एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य विकसित भारत के विजन को आगे बढ़ाना है. 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि दीपावली तक नए जीएसटी सुधार पेश किए जाएंगे.
टैक्स में राहत से बढ़ी खरीदारी और ऑटो बिक्री
उन्होंने स्पष्ट किया कि इन बदलावों से रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स कम होगा, जिससे आम लोगों पर कर का बोझ घटेगा और यह सुधार दीपावली के तोहफे के रूप में होगा. वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी 2.0 का असर अब दिखने लगा है. लोगों की खरीदारी बढ़ी है, खासकर गाड़ियों जैसे क्षेत्रों में बिक्री ज्यादा हुई है और लोगों का भरोसा भी बढ़ा है.
इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है. नवंबर महीने में यात्री वाहनों की बिक्री में अच्छी बढ़त देखी गई. त्योहारों के बाद की मांग, जीएसटी दरों में कटौती और शादी के सीजन की वजह से गाड़ियों की बिक्री बढ़ी.
जीएसटी सुधारों से बिक्री और राज्यों के राजस्व में मजबूत बढ़ोतरी
एक रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में खुदरा बिक्री पिछले साल की तुलना में 22% बढ़ी. वहीं, थोक बिक्री में पिछले वर्ष की तुलना में 19% की वृद्धि हुई और यह 4.1 लाख यूनिट तक पहुंच गई. इसके साथ ही GST दरों में किए गए बदलावों का सकारात्मक असर राज्यों की आमदनी पर भी देखने को मिला है. सितंबर से नवंबर के बीच राज्यों को प्राप्त जीएसटी राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में करीब 5% अधिक रहा.
हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा को बताया, चालू FY25-26 में सितंबर से नवंबर की अवधि के दौरान GST संग्रह बढ़कर 2,59,202 करोड़ रुपए हो गया, जबकि 2024-25 की इसी अवधि में यह 2,46,197 करोड़ रुपए था.
जीएसटी सुधारों से बढ़ा भरोसा
सरकार का मानना है कि GST सुधारों और कारोबार को सुगम बनाने वाली नीतियों से उपभोक्ता खर्च में और तेजी आएगी. इसके परिणामस्वरूप आने वाले समय में GST से होने वाले राजस्व में भी लगातार बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. जीएसटी सुधारों के बाद लोगों का भरोसा बढ़ा है और बैंक से लिए जाने वाले कर्ज में भी बढ़ोतरी हुई है. कई आंकड़े बताते हैं कि जीएसटी सुधारों के बाद देश की आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर 2025 के दौरान ई-वे बिल जनरेशन में वार्षिक आधार पर 14.4% की बढ़ोतरी हुई.
जीएसटी संग्रह में मजबूती
इसके अलावा, अप्रैल से अक्टूबर 2025 की अवधि में कुल GST संग्रह में 9% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. यह इस बात का संकेत है कि मजबूत उपभोग मांग और नियमों के बेहतर अनुपालन के कारण राजस्व का आधार स्थिर और मजबूत बना हुआ है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, सरकार का अगला फोकस कस्टम टैक्स प्रणाली को सरल और अधिक सुगम बनाने पर रहेगा.

