केंद्र सरकार की शुक्रवार को जारी जानकारी के अनुसार, कर्नाटक की अर्थव्यवस्था को जीएसटी सुधारों से व्यापक लाभ मिला है. इन सुधारों का असर किसानों से लेकर उद्यमियों तक महसूस किया गया है, विशेषकर कॉफी और काजू की खेती करने वाले किसानों, साथ ही औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों में काम करने वाले व्यवसायियों पर भी. राज्य में कृषि और ग्रामीण आजीविका के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं, जिसमें कॉफी और डेयरी उद्योग को विशेष बढ़ावा मिला है. कर्नाटक को भारत की कॉफी अर्थव्यवस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है.
सहकारी समितियों के मुनाफे में सुधार की उम्मीद
देश के कुल कॉफी उत्पादन में कर्नाटक का योगदान लगभग 71% है. हाल ही में जीएसटी सुधारों के तहत कॉफी एक्सट्रेक्ट, एसेंस और इंस्टेंट कॉफी पर टैक्स रेट को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया, जिससे इस क्षेत्र को बड़ा राजकोषीय लाभ मिला है. इस बदलाव से खुदरा कीमतों में लगभग 11-12% की कमी आने की संभावना है. इन सुधारों के चलते घरेलू मांग में वृद्धि और सहकारी समितियों के मुनाफे में सुधार की भी उम्मीद जताई जा रही है.
इसी तरह, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के नेतृत्व में कर्नाटक का डेयरी क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है, जो 26 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादकों को सहायता प्रदान करता है. यह क्षेत्र ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लगभग 22 लाख लोगों को आजीविका प्रदान कर रहा है. हाल ही में हुए जीएसटी सुधार के साथ यूएचटी दूध और पनीर पर जीएसटी रेट खत्म कर दिया गया है. इसके अलावा, घी और मक्खन से जीएसटी रेट को घटाकर 5% कर दिया गया है.
खुदरा कीमतों में 5-7% की कमी आने की उम्मीद
इस कदम के साथ खुदरा कीमतों में 5-7% की कमी आने की उम्मीद है. साथ ही, मूल्यवर्धित उत्पादों की मांग बढ़ने की उम्मीद है. राज्य के तटीय और कुटीर उद्योग को लेकर सिले-सिलाए वस्त्र (आरएमजी) और कपड़ा क्षेत्र राज्य के सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ता क्षेत्रों में से एक है. यह उद्योग लगभग छह लाख लोगों को आजीविका प्रदान करता है. नए जीएसट्री स्ट्रक्चर के साथ 5% के टैक्स रेट को 1000 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रति पीस कर दिया गया है, इससे जिससे एमएसएमई परिधान इकाइयों को बड़ी राहत मिली है.
जीएसटी को लेकर ये सुधार उत्पाद श्रृंखला पर कर का बोझ कम करता है, मूल्य प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है और घरेलू विनिर्माताओं के लिए कार्यशील पूंजी में वृद्धि करता है. इसी तरह, ग्रेनाइट ब्लॉकों पर जीएसटी रेट को घटाकर 5% करने से प्रसंस्करण इकाइयों की इनपुट लागत 6-7% कम होगी, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों के मार्जिन में सुधार आएगा. सीमेंट पर जीएसटी रेट को कम कर 18% करने से खुदरा कीमतों में 7 से 8% की कमी आने की उम्मीद है.
जीएसटी सुधार राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण
राज्य की हस्तशिल्प और सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था में जीएसटी सुधारों का बड़ा प्रभाव देखा जा रहा है. हथकरघा साड़ियों पर टैक्स रेट घटाकर 5% करने से इनके दामों में लगभग 6-7% की कमी आने की उम्मीद है, जिससे पारंपरिक कारीगर समुदाय की प्रतिस्पर्धा क्षमता में सुधार होगा. इन हालिया जीएसटी सुधारों को राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है, जो कृषि, मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों में भी व्यापक राहत प्रदान करता है.
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