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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
सब्जियों की कीमतों में आई गिरावट से मई महीने में घर का बना खाना थोड़ा सस्ता हो गया. इस दौरान शाकाहारी भोजन के मुकाबले मांसाहारी थाली के दाम में अधिक गिरावट रही. यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई. क्रिसिल इंटेलिजेंस की मासिक ‘रोटी चावल दर’ रिपोर्ट के अनुसार, घर में बनी शाकाहारी थाली की कीमत मई महीने में घटकर 26.2 रुपये हो गई, जबकि इस साल अप्रैल में इसकी कीमत 26.3 रुपये और पिछले साल मई में 27.8 रुपये थी.
पिछले महीने मांसाहारी थाली के मामले में गिरावट ज्यादा तेजी से कम होकर 52.6 रुपये हो गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 55.9 रुपये थी. वहीं, अप्रैल 2025 में मांसाहारी थाली 53.9 रुपये की थी. क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पूषन शर्मा (Pushan Sharma) ने कहा, ‘आगे चलकर मौसमी बदलावों के कारण सब्जियों की कीमतों में वृद्धि की संभावना है और मजबूत घरेलू उत्पादन के बीच गेहूं और दालों की कीमतों में थोड़ी नरमी की उम्मीद करते हैं.’
उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के कारण निर्यात किए जाने वाले चावल की मात्रा में 20-25 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है. इस रिपोर्ट में थाली की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण टमाटर की कीमतों में 29%, प्याज में 15% और आलू की कीमतों में 16% की गिरावट को बताया गया है. पिछले साल कम पैदावार से जुड़ी चिंताओं के कारण टमाटर की कीमतों में तेजी देखी गई थी.
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में फसल के संक्रमण से आलू की कीमतें बढ़ गई थीं, जबकि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं कर्नाटक में रकबे और पैदावार में कमी के अलावा पानी की उपलब्धता ने भी प्याज की कीमतों को बढ़ा दिया था. रिपोर्ट के अनुसार, मांसाहारी थाली की लागत में कमी ब्रॉयलर (मुर्गे) की कीमतों में 6% कमी आने से आई है.
ब्रॉयलर की मांसाहारी थाली में कुल लागत का 50% भारांश होता है. रिपोर्ट कहती है कि मुर्गे की कीमत में नरमी का कारण महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट के बीच आपूर्ति अधिक होना और मांग में कमी आना है. आयात शुल्क में वृद्धि और घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में 6% की वृद्धि होने से घरेलू थाली के दाम में अधिक गिरावट नहीं आई.
अप्रैल की तुलना में मई के दौरान आलू के दाम में 3% और टमाटर में 10% की वृद्धि हुई, जबकि प्याज की कीमतों में 10% की गिरावट आई। इससे शाकाहारी थाली के दाम में मासिक आधार पर मामूली रूप से कमी आई. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रॉयलर की कीमतों में भी मासिक आधार पर 4% की गिरावट आने से मांसाहारी थाली की लागत में कमी आई.