FY25-26 में भारत की GDP ग्रोथ 6.8%: विश्व बैंक और RBI दोनों ने बढ़ाया अनुमान

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

विश्व बैंक ने मंगलवार को भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को FY25-26 के लिए 6.3% से संशोधित कर 6.5% कर दिया है. इस संशोधन के पीछे मजबूत घरेलू मांग, ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार और कर सुधारों के सकारात्मक प्रभाव को प्रमुख कारण बताया गया है. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत वर्ष 2026 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा. वहीं, रिपोर्ट में बांग्लादेश की आर्थिक वृद्धि दर FY26 के लिए 4.8% रहने का अनुमान जताया गया है.

FY26-27 में निर्माण कार्य की गति बढ़ने की संभावना

भूटान के मामले में, जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण में देरी के चलते उसके विकास दर के अनुमान को घटाकर 7.3% कर दिया गया है. हालांकि, वित्त वर्ष 2026-27 में निर्माण कार्य की गति बढ़ने की संभावना के साथ इसमें सुधार की उम्मीद जताई गई है. वहीं, FY26 में मालदीव में विकास दर धीमी होकर 3.9% रहने का अनुमान है, जबकि नेपाल में, हाल की अशांति और बढ़ी हुई राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता के कारण वित्त वर्ष 26 में विकास दर घटकर 2.1% रहने का अनुमान है. इसके अलावा, भारत के दक्षिण में स्थित श्रीलंका की विकास को FY26 में बढ़ाकर 3.5% कर दिया गया है.

पर्यटन और सेवा निर्यात में मजबूत वृद्धि

इसकी वजह पर्यटन और सेवा निर्यात में मजबूत वृद्धि थी. विश्व बैंक के दक्षिण एशिया वाइस प्रेसिडेंट जोहान्स जुट ने कहा, दक्षिण एशिया में अपार आर्थिक क्षमताएं हैं और यह अभी भी दुनिया में सबसे तेजी से विकास करने वाला क्षेत्र है, लेकिन देशों को विकास के जोखिमों से सक्रिय रूप से निपटने की जरूरत है. आरबीआई ने अक्टूबर एमपीसी में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है. साथ ही, केंद्रीय गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी में देखी गई तेजी बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7%, तीसरी तिमाही में 6.4% और चौथी तिमाही में 6.2% रह सकती है.

महंगाई के तिमाही अनुमान में भी की गई कटौती

इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025-26) के लिए खुदरा महंगाई (रिटेल इनफ्लेशन) के अनुमान को घटाकर 2.6% कर दिया है, जबकि इससे पहले यह अगस्त में 3.1% था. महंगाई के तिमाही अनुमान में भी कटौती की गई है. दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर का पूर्वानुमान 2.1% से घटाकर 1.8% किया गया है, वहीं तीसरी तिमाही के लिए भी इसे 3.1% से घटाकर 1.8% कर दिया गया है. चौथी तिमाही के लिए महंगाई दर का अनुमान 4 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है.

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