Coal Production: कोयला प्रोडक्शन के मामले में अमेरिका और तुर्की को पछाड़ते हुए भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया है. वहीं, चीन इस मामले में टॉप पर है. भारत 1085.1 मिलियन टन प्रोडक्शन के साथ दूसरे नंबर, जबकि चीन 4780.0 मिलियन प्रोडक्शन के साथ पहले स्थान पर है.
भारत से चार गुना ज्यादा चीन में प्रोडक्शन
एनर्जी इंस्टीट्यूट की स्टैटिस्टिकल रिव्यू ऑफ वर्ल्ड एनर्जी 2024 की ताजा रिपोर्ट ने कोयला प्रोडक्शन के मामले में भारत को ग्लोबल पावरहाउस के रूप में स्थापित कर दिया है. चीन का कोयला उत्पादन भारत से करीब चार गुना ज्यादा है, जो उसकी इंडस्ट्रियल और एनर्जी डिमांड को दिखाता है. लेकिन भारत का 1085.1 मिलियन टन का उत्पादन भी कम नहीं है. ये आंकड़ा भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमों को दर्शाता है.
भारत में बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा सोर्स कोयला
इसके साथ ही कोयला भारत में बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा सोर्स है और इस सेक्टर में भारत का ग्रोथ ग्लोबल मार्केट में उसकी पकड़ को और मजबूत कर रहा है. इंडोनेशिया 836.1 मिलियन टन के प्रोडक्शन के साथ तीसरे नंबर पर है. अमेरिका 464.6 मिलियन टन के प्रोडक्शन के साथ चौथे स्थान पर है. ये देश भारत से काफी पीछे हैं.
ऑस्ट्रेलिया और रूस भी पीछे
वहीं, ऑस्ट्रेलिया (462.9 मिलियन टन) और रूस (427.2 मिलियन टन) भी इस रेस में भारत से पीछे हैं. तुर्की का प्रोडक्शन 87.0 मिलियन टन रहा, जो भारत के तुलना में काफी कम है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत का कोयला प्रोडक्शन बढ़ना एनर्जी सिक्योरिटी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिए अच्छा संकेत है. हालांकि, पर्यावरण की दृष्टि से कोयले पर निर्भरता को कम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया जा रहा है. भारत सरकार रिन्यूएबल एनर्जी पर ध्यान दे रही है लेकिन कोयला अभी भी देश की एनर्जी आवश्यकताओं का बड़ा हिस्सा पूरा करता है.
इस सूची में साउथ अफ्रीका, कजाकिस्तान, मंगोलिया और जर्मनी जैसे देश भी शामिल हैं, लेकिन भारत का प्रदर्शन इन सभी से अच्छा रहा है. ये उपलब्धि भारत की माइनिंग और प्रोडक्शन कैपेसिटी को दिखाती है. आगामी सालों में भारत का कोयला सेक्टर और मजबूत हो सकता है, लेकिन सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए ग्रीन एनर्जी पर शिफ्ट करना भी आवश्यक है.
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