FY26 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने दिखाई मजबूती, महंगाई 77 महीनों के न्यूनतम स्तर पर

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
FY26 की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था ने सशक्त प्रदर्शन किया है. वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा (MER) के मुताबिक, देश में घरेलू मांग, व्यापारिक गतिविधियों, और सेवा क्षेत्र की मजबूती के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी शुरुआत ने आर्थिक वृद्धि को स्थिर बनाए रखा है. महंगाई के मोर्चे पर भी राहतभरी खबर है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित हेडलाइन महंगाई दर जून 2025 में घटकर सिर्फ 2.1% रह गई है, जो कि पिछले 77 महीनों में सबसे कम है. विशेष रूप से सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है.

श्रम बाज़ार, निर्यात और रेमिटेंस ने दिखाई मजबूती

भारत में श्वेतपोश नौकरियों में सालाना आधार पर दो अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है, जो रोजगार क्षेत्र की सकारात्मक दिशा को दर्शाता है. ईपीएफओ (EPFO) ने मई 2025 में इतिहास का अब तक का सबसे अधिक नेट नए सदस्य जोड़े, जो श्रम बाज़ार में गहराई और स्थिरता की ओर इशारा करता है. विदेशी व्यापार क्षेत्र भी सशक्त बना हुआ है। वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात सालाना आधार पर 5.9% की वृद्धि के साथ आगे बढ़ा है. इसके साथ ही, विदेशों में रह रहे भारतीयों द्वारा भेजे गए रेमिटेंस FY25 में $135.5 बिलियन तक पहुंच गए, जिसमें 14% की वृद्धि दर्ज की गई। इसने घरेलू खपत को सहारा देने में अहम भूमिका निभाई है. सरकार ने राजकोषीय अनुशासन को प्राथमिकता देते हुए खर्च की गुणवत्ता सुधारने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. FY22 से FY26 के बीच पूंजीगत व्यय और राज्यों को दिए जाने वाले अनुदानों में दोगुनी वृद्धि का अनुमान जताया गया है, जो विकासोन्मुख निवेश को गति देने का संकेत है.
आगे कुछ चुनौतियां भी
रिपोर्ट में कुछ सावधानियों की ओर भी इशारा किया गया है:
  • क्रेडिट ग्रोथ सुस्त बनी हुई है.
  • निजी निवेश की गति धीमी है, भले ही ब्याज दरों में नरमी और बैंक बैलेंस शीट मजबूत हो.
  • अमेरिका की टैरिफ नीति में अनिश्चितता व्यापार पर असर डाल सकती है.

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