India GDP Growth: भारत की अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष में फिर से तेजी से प्रगति करने की राह पर है. देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. आनंद नागेश्वरन के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में भारत की GDP ग्रोथ 6.8% से ऊपर रहने की पूरी संभावना है. उनका मानना है कि हालिया GST सुधार, इनकम टैक्स में राहत, निजी निवेश में तेजी और विदेशी पूंजी प्रवाह में सुधार इस वृद्धि को नई ऊंचाई तक ले जा सकते हैं.
“6.8 प्रतिशत से भी ऊपर जाएगी ग्रोथ”
नागेश्वरन ने एक समिट में कहा कि अब वे “6.8% से उत्तर की दिशा में” ग्रोथ को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने बताया कि पहले उनकी ग्रोथ रेंज 6.3% से 6.8% थी, लेकिन अब उन्हें यकीन है कि विकास दर 6.8% से अधिक रहेगी. उन्होंने कहा, “इस समय मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि विकास दर 6.5% से तो ऊपर ही रहेगी, और 6.8% से अधिक जाने की भी पूरी संभावना है. लेकिन 7% का आंकड़ा बोलने से पहले मैं दूसरी तिमाही के नतीजों का इंतजार करना चाहूंगा.”
जीएसटी सुधारों से बढ़ेगी रफ्तार
सरकार ने हाल ही में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में बड़े बदलाव किए हैं. कई उपभोक्ता उत्पादों पर अप्रत्यक्ष कर घटाए गए हैं और 5% व 18% वाले टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाया गया है. साथ ही ‘सिन गुड्स’ (जैसे शराब, तंबाकू) पर 40% टैक्स लगाया गया है. 22 सितंबर से लागू इन नई दरों के बाद आम उपभोक्ताओं के लिए कई चीजें सस्ती हुई हैं, जिससे घरेलू खपत बढ़ने और अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है. सीईए नागेश्वरन ने यह भी कहा कि अगर भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता जल्द पूरा हो जाता है, तो इससे आर्थिक विकास को और बल मिलेगा.
जीडीपी पहले से ही उम्मीदों से बेहतर
FY25-26 की पहली तिमाही (अप्रैल–जून 2025) में भारत की GDP ग्रोथ 7.8% रही, जो सभी अनुमानों से कहीं अधिक थी. विश्लेषकों ने इस अवधि के लिए केवल 6.5% से 7% की ग्रोथ की उम्मीद जताई थी. पिछले साल इसी तिमाही में विकास दर 6.5% और पिछली तिमाही में 7.4% थी. भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूती दिखा रही है और अगर सरकार के सुधार और निवेश की यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले महीनों में देश 7% ग्रोथ क्लब में शामिल होने से बस एक कदम दूर होगा.