सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (NSIC) ने FY24-25 के लिए केंद्र सरकार को 43.89 करोड़ रुपए का लाभांश प्रदान किया. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने इस अवसर पर एनएसआईसी के इंटीग्रेटेड सपोर्ट सिस्टम के माध्यम से एमएसएमई को सशक्त बनाने के प्रयासों की सराहना की. मंत्री मांझी और डॉ. आचार्य ने उद्यमिता विकास और कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में एनएसआईसी की निरंतर भूमिका पर भी भरोसा जताया.
एनएसआईसी को 3,431 करोड़ रुपए का प्राप्त हुआ राजस्व
इस लाभांश का चेक एनएसआईसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. सुभ्रांशु शेखर आचार्य ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी और एमएसएमई मंत्रालय की राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे को मंत्रालय के सचिव एससीएल दास और मंत्रालय एवं एनएसआईसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में भेंट किया. डॉ. आचार्य ने NSIC की वित्तीय उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, एनएसआईसी को 3,431 करोड़ रुपए का राजस्व और 146.30 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 15.60 प्रतिशत की वृद्धि है.
NSIC ने कई प्राइवेट सेक्टर बैंकों के साथ एमओयू पर किए थे हस्ताक्षर
इससे पहले, एनएसआईसी ने कई प्राइवेट सेक्टर बैंकों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे, जिनका उद्देश्य सरकारी पीएसयू के एमएसएमई क्रेडिट सुविधा कार्यक्रम के तहत एमएसएमई के लिए क्रेडिट की उपलब्धता बढ़ाना था. NSIC ने इंडसइंड बैंक, कर्नाटक बैंक, एक्सिस बैंक, धनलक्ष्मी बैंक और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ एमओयू साइन किए गए थे. एक आधिकारिक बयान में जानकारी देकर बताया गया था कि इसका उद्देश्य एमएसएमई के लिए क्रेडिट को अधिक किफायती बनाने के साथ आसानी से उपलब्ध करवाना है.
इस अवसर पर भी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और एमएसएमई के सचिव एस.सी.एल. दास की मौजूदगी रही. इस पार्टनरशिप का उद्देश्य एमएसएमई को ऑफिशियल फाइनेंशियल सिस्टम से जुड़ने में मदद करना और उन्हें हैंडहोल्डिंग सपोर्ट प्रदान करना था. बयान के अनुसार, यह एमओयू बैंकों के ग्रामीण और अंतिम छोर तक पहुंचने के प्रयासों में एक फोर्स मल्टीप्लायर का काम करेगा और अधिक सक्षम माइक्रो और छोटे व्यवसायों तक वित्तीय सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करने में उनकी मदद करेगा.