देश के सबसे बड़े डिजिटल पेंशन प्लेटफॉर्म ‘स्पर्श’ पर पंजीकृत रक्षा पेंशनर्स की संख्या अब 31.69 लाख तक पहुँच चुकी है. साथ ही, शिकायतों के निवारण का औसत समय 56 दिन से घटकर केवल 17 दिन हो गया है. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इस जानकारी की पुष्टि की. मंत्रालय ने कहा कि पेंशन प्रशासन प्रणाली – रक्षा (स्पर्श) का उद्देश्य सही समय पर सही पेंशनभोगी को उनकी पेंशन सुनिश्चित करना है, और यह देश का पहला पूर्णतः डिजिटल पेंशन प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है.
94.3% विसंगतिपूर्ण मामलों का किया गया समाधान
प्रयागराज स्थित पीसीडीए (पेंशन) के माध्यम से रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) द्वारा संचालित ‘स्पर्श’ ने नवंबर, 2025 तक भारत और नेपाल में 31.69 लाख रक्षा पेंशनभोगियों को अपने साथ जोड़ा है. यह प्रणाली पहले 45 हजार से अधिक एजेंसियों द्वारा प्रबंधित खंडित सिस्टम को एक एकीकृत, पारदर्शी और जवाबदेह डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा प्रतिस्थापित करती है. मंत्रालय ने आगे बताया कि पुराने सिस्टम से जुड़े 94.3% विसंगतिपूर्ण मामलों का समाधान किया जा चुका है.
आसानी से दर्ज करा सकते हैं सुधार संबंधी शिकायतें
पिछली प्रणाली से स्थानांतरित किए गए 6.43 लाख विसंगतिपूर्ण मामलों में से 6.07 लाख मामलों को पेंशनभोगियों के अधिकारों को प्रभावित किए बिना सामान्य कर दिया गया है. देशभर में अब तक 284 ‘स्पर्श’ पहुंच कार्यक्रम और 194 रक्षा पेंशन समाधान कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. चालू वित्त वर्ष में इन कार्यक्रमों के दौरान 8 हजार से अधिक शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया गया.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पेंशनभोगी अब अपनी पेंशन से जुड़ी पूरी जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं और सुधार संबंधी शिकायतें आसानी से दर्ज करा सकते हैं.
‘स्पर्श’ देश की सबसे बड़ी एकीकृत पेंशन प्रणाली
शिकायतों के निवारण का औसत समय अप्रैल 2025 में 56 दिन से घटकर नवंबर 2025 में केवल 17 दिन हो गया है. वित्त वर्ष 2024-25 में, रक्षा पेंशन बजट के अंतर्गत 1,57,681 करोड़ रुपए का वितरण ‘स्पर्श’ के माध्यम से वास्तविक समय में किया गया. जुलाई 2024 में लागू वन रैंक वन पेंशन-III के अंतर्गत केवल 15 दिनों में 20.17 लाख लाभार्थियों को 1,224.76 करोड़ रुपए का त्वरित वितरण संभव हुआ.
‘स्पर्श’ देश की सबसे बड़ी एकीकृत पेंशन प्रणाली है और यह रक्षा कर्मियों के लिए एकमात्र पूर्णतः डिजिटल पेंशन समाधान के रूप में कार्य करता है. यह प्लेटफॉर्म पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को सम्मान, देखभाल और समय पर सहायता सुनिश्चित करने में सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है.