प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana) के तहत संचयी नामांकन में 2016 से 443 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. केंद्र सरकार (Central Government) ने शुक्रवार को इस दुर्घटना बीमा योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर एनरॉलमेंट को लेकर जानकारी दी. यह योजना दुर्घटनाओं और जानमाल के नुकसान के मामले में वित्तीय स्थिरता और सस्ती सुरक्षा प्रदान करती है, जिसकी कीमत केवल 20 रुपए प्रति वर्ष है.
पीएमएसबीवाई के साथ अपने प्रियजनों के लिए वित्तीय स्थिरता करें सुनिश्चित
वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, पीएम सुरक्षा बीमा योजना के साथ अपने प्रियजनों के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करें! पीएमएसबीवाई के तहत संचयी नामांकन में 443 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो मार्च 2016 में 9.40 करोड़ से बढ़कर अप्रैल 2025 में 51.06 करोड़ हो गई है. केवल 20 रुपए प्रति वर्ष पर सस्ती सुरक्षा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जनता को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के सरकार के प्रयासों की आधारशिला बन गई है.
इस योजना को आधिकारिक तौर पर 9 मई, 2015 को कोलकाता में लॉन्च किया गया था. योजना 18 से 70 वर्ष की आयु के सभी भारतीय निवासियों और NRI को कवर करती है, बशर्ते उनके पास वैध बैंक खाता हो. दुर्भाग्यवश दुर्घटना के कारण आंशिक दिव्यांगता की स्थिति में, यह योजना व्यक्ति के खाते में सीधे 1 लाख रुपए की राशि प्रदान करती है. सड़क दुर्घटना या किसी अन्य दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण हुई मृत्यु के दुखद मामले में, मृतक के परिवार या वारिस को 2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिलती है.
इस योजना के लिए केवल 20 रुपए का वार्षिक प्रीमियम देना होता है, जो पॉलिसीधारक के खाते से अपने आप कट जाता है. यह 1 जून से 31 मई तक चलने वाली एक साल की कवरेज अवधि प्रदान करता है. यह पॉलिसी सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के माध्यम से संचालित की जाती है, जिससे यह आम लोगों के लिए सुलभ हो जाती है. मृत्यु या पूर्ण दिव्यांगता की स्थिति में, नामांकित व्यक्ति को 2 लाख रुपए का हक है.
पूर्ण दिव्यांगता को दोनों आंखों, हाथों या पैरों की पूर्ण हानि के रूप में परिभाषित किया गया है. आंशिक स्थायी दिव्यांगता, जैसे कि एक आंख, हाथ या पैर की हानि, 1 लाख रुपए के भुगतान के लिए पात्र है. हालांकि, आत्महत्या, शराब या नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण हुई मृत्यु के मामलों में दावे स्वीकार नहीं किए जाते हैं. इसके अलावा, दावा करने के योग्य होने से पहले व्यक्ति को कम से कम 45 दिनों के लिए योजना में नामांकित होना चाहिए.