केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने रविवार, 6 जुलाई को महाराष्ट्र में हाल ही में हुए हिंदी बनाम मराठी विवाद और एमएनएस समर्थकों की कथित हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं:
राज-उद्धव के साथ पर संदेह
रामदास अठावले ने कहा कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे भले ही एक साथ आ गए हों, लेकिन “यह साथ कब तक रहेगा, इसका अंदाजा नहीं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि मराठी भाषा के लिए काम होना चाहिए, लेकिन हिंदी जैसी राजभाषा का विरोध बिल्कुल सही नहीं है।
देशभर में मराठियों की सुरक्षा
रामदास अठावले ने सवाल उठाया कि “दिल्ली में लाखों मराठी लोग रहते हैं, पूरे देश में फैले हुए हैं। क्या राज ठाकरे उनकी सुरक्षा करेंगे?” उन्होंने उद्धव ठाकरे को बालासाहेब ठाकरे की विरासत याद दिलाई, कहा कि बालासाहेब ने समाज के हर क्षेत्र के लिए विंग बनाई थी ताकि एकता बनी रहे। अठावले ने कहा कि अब एमएनएस के लोग “हिंदुओं पर ही हमला कर रहे हैं, जो बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के खिलाफ है।”
उन्होंने एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों की पिटाई को गलत बताया और राज ठाकरे से अपील की कि इस तरह की हिंसा से मुंबई की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा और “अगर गुंडागर्दी जारी रही तो मुंबई को भी घाटा पहुंचेगा।”
सरकार से कार्रवाई की अपील
अठावले ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील की कि वे ऐसे लोगों पर तुरंत और सख्त कार्रवाई करें, क्योंकि लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है।
“मराठी बोलना अच्छी बात, दादागिरी सही नहीं”
उन्होंने कहा कि मुंबई में पैदा हुए लोग, भले ही वे किसी अन्य राज्य से हों और मराठी अच्छी तरह बोलते हों, यह अच्छी बात है। लेकिन “दादागिरी के लहजे में यह कहना कि सभी को मराठी बोलनी चाहिए, यह बिल्कुल गलत है। हम इसकी निंदा करते हैं।”
बीएमसी चुनाव में महायुति की जीत का दावा
अठावले ने दावा किया कि आगामी बीएमसी चुनाव में, अगर राज और उद्धव ठाकरे साथ लड़ते भी हैं, तो भी महायुति (भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन) ही जीतेगी।
“दादागिरी करनी है तो पाकिस्तानियों से करें”
उन्होंने भाजपा नेता आशीष शेलार के बयान का समर्थन किया और कहा कि एमएनएस के लोगों को “अगर दादागिरी करनी है तो पाकिस्तानियों से करें, हम सब हिन्दुस्तानी हैं।” उन्होंने दोहराया कि देशवासियों के बीच इस तरह का बर्ताव अस्वीकार्य है।