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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारतीय मुद्रा रुपया ने सोमवार के शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 26 पैसे की मजबूती दर्ज की. करेंसी विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये में यह सुधार आरबीआई के लगातार सपोर्ट की वजह से देखने को मिला है. कारोबारी सत्र की शुरुआत में रुपया 89.14 प्रति डॉलर पर खुला, जबकि पिछले सत्र में यह 89.40 पर बंद हुआ था. एक्सपर्ट्स के अनुसार, तकनीकी दृष्टि से 88.80 का स्तर अब रुपये के लिए एक मजबूत सपोर्ट बन चुका है. उनका कहना है कि यदि रुपया किसी भी दिन इस स्तर के नीचे क्लोजिंग देता है, तो यह घरेलू मुद्रा में आगे और मजबूती के संकेत दे सकता है.
आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय मुद्रा रुपया डॉलर के मुकाबले 89.49 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई थी. रुपए को लेकर यह गिरावट विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारतीय शेयरों की लगातार बिकवाली और भारत-अमेरिका के बीच संभावित ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता जैसे कारकों की वजह से देखी जा रही है. हालिया हफ्तों की बात करें तो केंद्रीय बैंक तेज उतार-चढ़ाव को कम करने और रुपए की वैल्यू में लार्ज स्विंग को रोकने के लिए करेंसी मार्केट में एक्टिव बना हुआ है.
एनालिस्ट के अनुसार, भारत–अमेरिका ट्रेड डील पर ठोस प्रगति न होने और बातचीत में स्पष्टता की कमी के कारण भारतीय रुपये पर भारी दबाव देखने को मिला. इसी अनिश्चितता के बीच रुपया तेज़ी से फिसलकर 89.60 प्रति डॉलर के नए ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया, जो 0.90 पैसे या -1.02% की गिरावट दर्शाता है. उन्होंने बताया कि टैरिफ रोलबैक या ट्रेड से जुड़े भरोसेमंद संकेत न मिलने से बाजार धारणा कमजोर बनी रही. इसी वजह से रुपये पर व्यापक पैमाने पर रिस्क-ऑफ मूवमेंट देखने को मिला, जिसने करेंसी पर बिकवाली का भारी दबाव बढ़ा दिया.
भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो ग्लोबल मार्केट में खरीदारी की वजह से सेंसेक्स और निफ्टी ने कारोबार की शुरुआत हरे निशान पर की. सुबह करीब 9 बजकर 27 मिनट पर सेंसेक्स 133.13 अंक या 0.16% की बढ़त के साथ 85,365.05 पर बना हुआ था. वहीं, निफ्टी 44.10 अंक या 0.17% की तेजी के साथ 26,112.25 स्तर पर कारोबार कर रहा था.