केंद्र सरकार (Central Government) टेलीकॉम सब्सक्रिप्शन डेटा (Telecom Subscription Data) के मुताबिक, भारत में कुल टेलीफोन सब्सक्राइबर्स (Telephone Subscribers) की संख्या मार्च के अंत में 1,200.80 मिलियन से बढ़कर अप्रैल में 1,203.84 मिलियन हो गई, जो मासिक आधार पर 0.25% की वृद्धि को दर्शाता है. मार्च के अंत में शहरी टेलीफोन सब्सक्राइबर्स की संख्या 666.11 मिलियन से बढ़कर अप्रैल के अंत में 667.19 मिलियन हो गई.
इसी अवधि के दौरान ग्रामीण सब्सक्राइबर्स की संख्या भी 534.69 मिलियन से बढ़कर 536.65 मिलियन हो गई. संचार मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल के दौरान शहरी और ग्रामीण टेलीफोन सब्सक्राइबर्स की मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.16% और 0.37% थी. अप्रैल में कुल वायरलेस (मोबाइल और 5जी एफडब्ल्यूए) सब्सक्राइबर्स की संख्या 1,163.76 मिलियन से बढ़कर 1,166.43 मिलियन हो गई, जो कि मासिक आधार पर 0.23% की वृद्धि दर्ज करता है.
आंकड़ों के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में कुल वायरलेस सब्सक्रिप्शन (Wireless Subscription) 632.57 मिलियन से बढ़कर 633.29 मिलियन हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सब्सक्रिप्शन 531.18 मिलियन से बढ़कर 533.14 मिलियन हो गई. शहरी और ग्रामीण वायरलेस सब्सक्रिप्शन मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.11% और 0.37% दर्ज की गई है. कुल टेली-घनत्व मार्च के अंत में 85.04% से बढ़कर अप्रैल के अंत में 85.19% हो गया.
शहरी दूरसंचार घनत्व मार्च के अंत में 131.45% से बढ़कर अप्रैल के अंत में 131.46% हो गया. इसी अवधि के दौरान ग्रामीण दूरसंचार घनत्व भी 59.06% से बढ़कर 59.26% हो गया. आंकड़ों के मुताबिक, 30 अप्रैल तक, वायरलेस सब्सक्राइबर्स की 92.08% बाजार हिस्सेदारी प्राइवेट एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर्स के पास थी, जबकि दो पीएसयू एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर, BSNL और MTNL की बाजार हिस्सेदारी केवल 7.92% थी.
भारती एयरटेल लिमिटेड (Bharti Airtel Limited) के पास सबसे अधिक मशीन-टू-मशीन (M2M) सेलुलर मोबाइल कनेक्शन हैं, जिनकी बाजार हिस्सेदारी 53.35% है, जिसके बाद वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone Idea Limited) का स्थान है. अप्रैल में 13.48 मिलियन सब्सक्राइबर्स ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के लिए रिक्वेस्ट सबमिट की.