भारत में करीब 76,000 Startups का नेतृत्व कर रही महिलाएं: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में आज लगभग 76,000 स्टार्टअप (Startup) का नेतृत्व महिलाओं की ओर से किया जा रहा है. इसमें से बड़ी संख्या में स्टार्टअप (Startups) टियर 2 औ टियर 3 शहरों से है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनने की राह सशक्त महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में तय होगी. महिला-केंद्रित शासन ने समाज को नया रूप दिया- केंद्रीय मंत्री
राष्ट्रीय राजधानी में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने अपने शासन ढांचे को चार स्तंभों पर केंद्रित किया है, जिसमें गरीब, किसान, युवा और महिला शामिल हैं. उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “महिला-केंद्रित शासन ने न केवल व्यक्तियों को सशक्त बनाया है, बल्कि समाज को भी नया रूप दिया है. लक्षित कल्याण के रूप में शुरू हुआ यह कार्य अब संस्थागत नेतृत्व में विकसित हो गया है.” “सशक्त महिला, समृद्ध बिहार” नामक प्रकाशन का अनावरण
केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं के लिए सुलभ शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से ‘जीविका ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम ऐप’ लॉन्च किया और “सशक्त महिला, समृद्ध बिहार” (Empowered women, prosperous Bihar) नामक प्रकाशन का अनावरण किया, जो बिहार की प्रगति में महिलाओं के योगदान के बारे में जानकारी देता है. डॉ. सिंह ने महिला सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी सरकार के व्यापक दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की, जो चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित है. पहले चरण में “संस्थानों में पहुंच और समावेशन” ने भारत के शैक्षिक और सैन्य परिदृश्य में महिलाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया है.
दूसरे चरण, “वैज्ञानिक और तकनीकी सशक्तिकरण” ने डब्ल्यूआईएसई, जीएटीआई, सीयूआरआईई और महिला वैज्ञानिक कार्यक्रम जैसी लक्षित योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया है. तीसरे चरण, “आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण” ने वित्तीय संसाधनों तक महिलाओं की पहुंच में व्यापक वृद्धि देखी है. महिलाओं के लिए 48 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले गए हैं, जबकि मुद्रा योजना के 60 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिला उद्यमी हैं.
स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से 3 करोड़ से ज्यादा ‘लखपति दीदियों’ का निर्माण ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव ला रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, महिलाओं के नाम पर पंजीकृत घर न केवल आश्रय प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक सम्मान भी प्रदान कर रहे हैं. चौथे चरण “कार्यस्थल सुधार और कानूनी संवेदनशीलता” के तहत सहानुभूतिपूर्ण और समावेशी शासन उपायों की शुरुआत की गई है. इनमें सरकारी सेवा में कार्यरत महिलाओं के लिए छह महीने का सवेतन बाल देखभाल अवकाश, अविवाहित या तलाकशुदा आश्रित बेटियों को पेंशन अधिकार प्रदान करना और मृत शिशुओं के जन्म के बाद भी मातृत्व अवकाश का प्रावधान शामिल है.

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