Ukraine: रूस यूक्रेन जंग में यूक्रेन को एक बड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है. यूक्रेन को जर्मनी से अतिरिक्त पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम मिलने में अभी काफी समय लग सकता है. जर्मन अखबार BILD की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के पास वर्तमान में अपने रक्षा बजट से यूक्रेन को तुरंत पैट्रियट सिस्टम उपलब्ध कराने की क्षमता नहीं है. अमेरिका नई पैट्रियट यूनिट्स बनाकर जर्मनी को देगा, जिसके बाद ही वे यूक्रेन को भेजी जा सकेगी. इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम 6 से 8 महीने का समय लग सकता हैं.
जर्मनी पहले भी दे चुका है पैट्रियट सिस्टम
अमेरिका की ओर सैन्य सहायता में कमी आने के बाद जर्मनी ने पहले ही यूक्रेन को 3 पैट्रियट सिस्टम प्रदान किए हैं, और अब उसके पास केवल 3 ऑपरेशन यूनिट्स बची हैं, जिन्हें वह अपनी सुरक्षा के लिए तैनात रखना चाहता है. यूरोप में भी वायु रक्षा प्रणाली की कमी है, जिससे यूक्रेन को तुरंत मदद मिल पाना मुश्किल हो रहा है. वहीं इस इस समय रूस ने यूक्रेन में हवाई हमले तेज कर दिया है. ऐसे में यूक्रेन को जल्द से जल्द वायु रक्षा प्रणाली की जरूरत है.
पैट्रियट सिस्टम पर उठ रहे सवाल
वहीं अब यूक्रेन को पैट्रियट सिस्टम मिलने की खबरों के बीच, पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम की क्षमता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. ब्रिटिश एक्सपर्ट अलेक्जेंडर मर्कोरिस ने दावा किया है कि पैट्रियट सिस्टम रूस की हाइपरसोनिक मिसाइलों, जैसे ‘किंझाल’ को रोकने में असमर्थ होगा. अलेक्जेंडर के अनुसार पैट्रियट को मूल रूप से बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन 12 हजार किमी/घंटा से की गति वाली हाइपरसोनिक मिसाइलें इसे चुनौती दे सकती हैं.
रूस की किंझाल मिसाइल न केवल अत्यधिक गति से हमला करती है, बल्कि यह मिड-फ्लाइट में मैन्युवर भी कर सकती है, जिससे इसे रोक पाना और भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में, यूक्रेन को मिलने वाले पैट्रियट सिस्टम्स का रूसी हमलों के खिलाफ कितना प्रभावी होगा, यह एक बड़ा सवाल है.
क्या 2026 तक रूसी हमलों को झेल पाएगा यूक्रेन?
यूक्रेन सेना की वायु रक्षा ताकत बढ़ने में कई महिनों तक सुधार नहीं होगा. पिछली सरकार की ओर से आदेशित 8 पैट्रियट कॉम्प्लेक्स 2026 के अंत तक (पहले), शेष 2029 तक वायु सेना को वितरित किए जाएंगे. ऐसे में युद्ध में नुकसान झेल रही यूक्रेनी सेना का इतने लंबे समय तक टिक पाना मुश्किल है. क्योंकि रूस के हमलों में लगातार तेजी आ रही है.
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