बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को मिलेगी Z श्रेणी सुरक्षा, जाने क्यों लिया गया फैसला

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

नई दिल्लीः बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को अब जेड श्रेणी सीआरपीएफ सुरक्षा मिलेगी. यह फैसला गृह मंत्रालय ने खुफिया विभाग (आईबी) की रिपोर्ट के बाद लिया है. खुफिया विभाग ने दलाई लामा पर खतरे की संभावना जताते हुए गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने का आदेश जारी किया.

जाने कौन हैं दलाई लामा?
सन 1935 में ल्हामो थोंडुप के रूप में जन्मे दलाई लामा को दो वर्ष की उम्र से ही अपने पूर्ववर्ती तिब्बती धर्मगुरु का पुनर्जन्म माना गया है. उन्हें सन् 1940 में तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 14वें दलाई लामा के रूप में तिब्बती धर्मगुरु की मान्यता दी गई थी. सन् 1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला किया. दलाई लामा सन् 1959 में चीन के खिलाफ एक विद्रोह के असफल होने के बाद भारत आ गए थे. तब से वे हिमाचल प्रदेश के शहर धर्मशाला में निर्वासन में रह रहे हैं. सन् 1989 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

दलाई लामा ने मॉनेस्टिक शिक्षा प्राप्त की है और वह वर्षों से तिब्बतियों को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत हैं. वह छह महाद्वीपों और 67 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुके हैं. चीन के तिब्बत पर कब्जे के बाद भारत में दलाई लामा को आए हुए 62 वर्ष से ज्यादा हो गए हैं.

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