ED Raid: एक सप्ताह पहले सोमवार की देर शाम दिल्ली में हुए आतंकवादी हमले के तार अब हरियाणा के फरीदाबाद तक पहुंच गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने अल फलाह विश्वविद्यालय के ट्रस्टियों, संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं से जुड़े एक मामले में आज तड़के से दिल्ली और अन्य स्थानों पर 25 ठिकानों पर छापेमारी की है. सुबह पांच बजे से यह कार्रवाई जारी है.
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आज सुबह जांच एजेंसी की एक टीम फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय के कार्यालय में धमकी. एजेंसी की टीम परिसर के अंदर मौजूद है और विभिन्न दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों की तलाशी ले रही है.
#WATCH | Delhi | The Enforcement Directorate is conducting searches in the Al Falah University case involving its trustees, related persons, and entities since 5 am today. The raids are being conducted at 25 locations across Delhi and other places: Sources
(Visuals from Shaheen… pic.twitter.com/TYBg9rI1pe
— ANI (@ANI) November 18, 2025
अल-फलाह विवि के चेयरमैन को भेजा समन
बीते सोमवार को दिल्ली पुलिस ने फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले की जांच, जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए अल फलाह विश्वविद्यालय के चेयरमैन को दो समन जारी किए थे. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की शिकायत पर विवि के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए गए हैं.
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये समन तब भेजे गए है, जब जांचकर्ताओं ने पाया कि चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी का बयान संस्थान के कामकाज और उससे जुड़े व्यक्तियों की गतिविधियों से संबंधित कई विसंगतियों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है. यूजीसी और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) की ओर से शनिवार को गंभीर चिंता जताए जाने के बाद अपराध शाखा ने हरियाणा स्थित इस विश्वविद्यालय के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में दो प्राथमिकी 14 नवंबर की रात दर्ज की थीं.
#WATCH | Delhi terror blast case: Raid by a central agency underway at the Okhla (Delhi) office of Al-Falah University located in Faridabad, Haryana
More details are awaited pic.twitter.com/rWrJUyCFQv
— ANI (@ANI) November 18, 2025
शाखा के अधिकारियों ने बताया कि दोनों नियामक निकायों ने विश्वविद्यालय के मान्यता संबंधी दावों की समीक्षा के बाद बड़ी अनियमितताओं को चिह्नित किया. अपने निष्कर्ष कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंप दिए. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये प्राथमिकियां विश्वविद्यालय की ओर से मान्यता संबंधी कथित झूठे दस्तावेजों और दावों से संबंधित हैं. मामले की विस्तार से जांच की जा रही है.