मुजफ्फराबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन और पूर्ण बंद से बड़ा हंगामा हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरक्षाबलों के साथ हुई तीखी झड़पों के बीच पुलिस ने फायरिंग की. तीन लोगों की मौत हो गई है. इस दौरान एक दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने की बात सामने आई है.
मालूम हो कि संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी द्वारा उठाई गई मांगों को पूरा करने में सरकार की विफलता की वजह से यहां की जनता में आक्रोशित है.
हिंसा के बीच, जेके एक्शन कमेटी के अध्यक्ष शौकत नवाज मीर ने मुजफ्फराबाद से भाषण दिया और सीधे तौर पर सरकारी संस्थाओं पर प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “इस समय, सरकार लोगों को मारने पर उतर आई है. राज्य की संस्थाएं, राज्य की सरकार, राज्य का प्रशासन, गुंडे, आतंकवादी, हमारे पास सबूत हैं. पुलिस हमारे साथ है.”
उन्होंने लगाया आरोप, “राज्य में लोग मारे जा रहे हैं और हमारा पाकिस्तानी मीडिया झूठी खबरें फैला रहा है. महोदय, सब कुछ यहीं हो रहा है.”
मीरपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में बंद और रैलियां चल रही थीं, जहां बड़ी संख्या में लोग अपने अधिकारों की मांग के लिए एकजुट हुए थे. अधिकारियों पर प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उनकी न्याय की मांगों को नजरअंदाज किया गया और ये प्रदर्शन हाल के वर्षों में जनाक्रोश की सबसे तीव्र लहरों में से एक बन गया.
पीओजेके में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) इकाई ने ऑनलाइन विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा दिया और कई क्षेत्रों में फैल रही अशांति के बीच अनवर के नेतृत्व वाली सरकार पर “अक्षमता और दमन” का आरोप लगाते हुए बयान जारी किए.
पीटीआई का दावा, “मुस्लिम (क्रिमिनल) कॉन्फ्रेंस के गुंडों द्वारा राज्य के संरक्षण में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी करने का वीडियो सामने आया है, जिसमें चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदर्शनों में सरकार समर्थित हिंसा हुई.”
पीटीआई ने कहा, “प्रशासन ने प्लाक ब्रिज को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे विदेश यात्रा करने वाले मरीजों और नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि राज्य में लॉकडाउन के दौरान, यह घोषणा की गई थी कि मरीजों और विदेश यात्रा करने वालों के लिए सड़कें खुली रहेंगी. फिर भी, इस अक्षम अनवर सरकार ने मरीजों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.”