Mithi River Scam: मीठी नदी सफाई घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बॉलीवुड अभिनेता डिनो मोरिया को एक बार फिर समन भेजा है. जांच एजेंसी ने उन्हें बुधवार को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है. ईडी डिनो मोरिया से पहले भी पूछताछ कर चुकी है, लेकिन कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियों की पूछताछ के लिए उन्हें दोबारा बुलाया गया है. माना जा रहा है कि घोटाले से संबंधित कुछ लेन-देन और आर्थिक गतिविधियों में डिनो मोरिया की भूमिका की जांच की जा रही है. इस हाई-प्रोफाइल मामले में पहले भी कई अधिकारियों और व्यवसायियों से पूछताछ की जा चुकी है.
6 जून को ईडी ने की थी छापेमारी
ईडी ने इस मामले की जांच के तहत 6 जून को डिनो मोरिया और उनके भाई सैंटिनो मोरिया के मुंबई स्थित घर और दफ्तरों पर छापेमारी की थी. जांच में सामने आया कि सैंटिनो मोरिया ने केतन कदम की पत्नी पुनीता कदम के साथ मिलकर ‘यूबीओ राइड्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक एक इलेक्ट्रिक कार्ट कंपनी की सह-स्थापना की थी. केतन कदम को इस घोटाले में मुख्य बिचौलिए के तौर पर गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोप है कि उसने मीठी नदी से गाद हटाने के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया. इसी सिलसिले में ईडी ने डिनो मोरिया को पहले भी तलब किया था और अब दोबारा पूछताछ के लिए समन भेजा है.
एक्टर से की गई 7 घंटे तक पूछताछ
बता दें कि इसी मामले में (Mithi River Scam) अभिनेता 28 मई को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) जांच अधिकारियों के सामने पेश हुए थे. अधिकारियों ने अभिनेता से लगभग सात घंटे तक पूछताछ की थी, जिसमें उन्होंने कई अहम सवालों के जवाब दिए. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के मुताबिक, डिनो मोरिया को इसलिए बुलाया गया, क्योंकि जांच में उनकी और उनके भाई सैंटिनो मोरिया की और इस मामले के मुख्य आरोपी केतन कदम के फोन पर कई बार बातचीत के रिकॉर्ड मिले.
जानिए क्या है पूरा मामला
आरोप है कि मीठी नदी की सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनें, जैसे कि कीचड़ हटाने वाली और गहरी खुदाई करने वाली मशीन आदि को किराए पर लेने वाले रुपयों का दुरुपयोग हुआ. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कोच्चि स्थित कंपनी मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से प्राप्त मशीनों के लिए बढ़ी हुई कीमतें चुकाईं. जांचकर्ताओं का मानना है कि इस धोखाधड़ी को बीएमसी के कुछ अधिकारी और मैटप्रॉप कंपनी के कर्मचारियों ने मिलकर अंजाम दिया. केतन कदम और उसके साथी जय जोशी ने बीएमसी के पास बढ़ा-चढ़ाकर बिल भेजा, यानी असल कीमत से ज्यादा पैसे मांगे. इस मामले में डिनो मोरिया को आरोपी नहीं बनाया गया है.
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