Water Drinking Habits: पानी पीने के तरीके से हैं आप परिचित? गलत आदत से हो सकती है खतरनाक बीमारी

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Water Drinking Habits: पानी के बिना जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है. हर प्राणी में 50 फिसदी से ज्यादा ही पानी की मौजूदगी होती है. पानी हमारे शरीर को हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ कई समस्याओं को भी दूर करता है, लेकिन पानी पीने के कुछ तरीके शरीर को फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं.

हमनें अक्सर बड़े-बुजुर्गों से ये सुना होगा कि, खड़े होकर पानी पीना हानिकारक साबित हो सकता है. सेहत के लिए जितना ही पानी जरूरी होता है, उतना ही उसको पीने का तरीका भी. आइए जानते हैं कि पानी पीने का सही तरीका (Water Drinking Habits) क्या होता है.

जानिए क्यों नहीं पीना चाहिए खड़े होकर पानी (Effects Of Drinking Water While Standing)
ज्यादातर लोग जल्दबाजी में खड़े-खड़े ही पानी पी लेते हैं. अगर आप भी ऐसी गलती करते हैं तो, संभल जाइए. क्योंकि ये छोटी गलती आपकी जीवनशैली पर भारी पड़ सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं. जाने-अनजाने में हम इस खराब आदत से कई बीमारियों को आमंत्रित करते हैं. इसका दुष्प्रभाव किडनी, लिवर और जोड़ों पर ज्यादा देखने को मिलता है.

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खड़े होकर पानी पीने से आखिर होता क्या है…

ऑक्सीजन सप्लाई रुकती है
एक अध्ययन के मुताबिक, खड़ें होकर पानी पीने से भोजन नली में होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई रुक सकती है. ये सीधा हमारे फेफड़ों पर असर करता है. इसके अलावा अगर आप अधिक मात्रा में पानी पी लेते हैं तो, इससे पेट के निचले हिस्से की दीवार पर प्रेशर पड़ता है, जो पेट में मौजूद आसपास के पार्ट्स को काफी नुकसान पहुंचाता है. इतना ही नहीं, कई बार लोगों को हार्निया की समस्या का भी सामना करना पड़ता है.

तनाव बढ़ने की वजह बनता है
हो सकता है आप इस बात पर यकीन न करें, लेकिन इस बुरी आदत से आपका मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है. दरअसल, जब कोई व्यक्ति खड़े होकर पानी पीता है तो, ये सीधा उसके तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है. इससे हमारे शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और धीरे-धीरे तनाव बढ़ने लगता है.

आर्थराइटिस की समस्या
खड़े होकर पानी पीने से पानी का बहाव बॉडी से होकर जोड़ों में जाकर जमा हो जाता है. जिसके कारण हड्डियों पर दबाव बनने लगता है. इस आदत से घुटनों के हिस्सों में तरल पदार्थ की कमी होने लगती है. जिसके चलते हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और व्यक्ति को गठिया जैसी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी, विधि, तरीक़ों पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. इसकी पुष्टी The Printlines नहीं करता है.)

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