क्या आयुर्वेद से खत्म की जा सकती है ऑटोइम्यून डिजीज? जानिए एक्सपर्ट के सुझाव

Must Read

World Ayurveda Day : आज के समय में कुछ बीमारियां ऐसी है कि  जो सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है (Autoimmune Diseases,) ये ऐसी बीमारियां है, जिनमें शरीर का इम्यून सिस्टम खुद अपनी कोशिकाओं पर हमला करने लगता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान इनके लिए लंबे समय तक चलने वाली दवाइयों के साथ कंट्रोल थेरेपी का सुझाव देता है. लेकिन, क्या आयुर्वेद में इसका कोई स्थायी समाधान है?

जानकारी देते हुए बता दें कि 23 सितंबर को विश्व आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. इसी दौरान आज हम आपको बताएंगे कि आयुर्वेद की दवाइयों के जरिए ऑटोइम्यून डिजीज को खत्म किया जा सकता है या नहीं?

आयुर्वेद को लेकर डॉक्‍टरों का नजरिया

इस मामले को लेकर डॉक्‍टरों का कहना है कि, आयुर्वेद सिर्फ लक्षण दबाने का इलाज ही बल्कि बीमारी को शरीर से जड़ से निकाल फेकने का काम करता है और शरीर का संतुलन बनाता है. बता दें कि ऑटोइम्यून डिजीज जैसे रुमेटॉइड आर्थराइटिस या सोरायसिस में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) असंतुलित हो जाती है. फिलहाल इसे आयुर्वेद पूरी तरह से खत्म करने का दावा नहीं करता.

पंचकर्म थेरेपी और डिटॉक्स

  • वर्तमान समय में आयुर्वेद मेंपंचकर्म थेरेपी को ऑटोइम्यून डिजीज के मैनेजमेंट में कारगर माना गया है.
  • बता दें कि यह शरीर सेटॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है.
  • इसके साथ ही खून की शुद्धि और पाचन तंत्र की मजबूती पर काम करता है.
  • इतना ही नही बल्कि मानसिक तनाव कम करने में भी मदद करता है, जोऑटोइम्यून डिजीज को ट्रिगर करता है

औषधियों के साथ हर्बल उपचार

  • से सभी प्रमुख आयुर्वेदिक औषधियां, जो इन बीमारियों में सहायक मानीजाती हैं.
  • गिलोय: इम्यूनिटीको बैलेंस करने में सहायता करती है.
  • अश्वगंधा: जो कि सूजन कम करने के साथ ऊर्जा बढ़ानेमें मदद करती है.
  • हल्दी: Natural anti-inflammatory मानी जाती है.
  • नीम औरत्रिफला: शरीर को पूर्ण रूप से ेडिटॉक्स करते हैं.

स्‍वस्‍थ शरीर के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव

डॉ. ने बताया कि यह सिर्फ औषधि ही नहीं, बल्कि भोजन और जीवनशैली भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं.

  • बता दें कि तैलीयऔर जंक फूड से बचें.
  • इसके साथ ही ताजे फल, हरी सब्जियां और साबुत अनाज खाएं.
  • ऐसे में योग और ध्यान को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार आधुनिक चिकित्सा विज्ञान अभी तक ऑटोइम्यून डिजीज का स्थायी इलाज नहीं खोज पाया है. इस दौरान आयुर्वेद इसे पूरी तरह खत्म करने का दावा तो नहीं करता, लेकिन यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को संतुलित करके लक्षणों को कम करने के साथ जीवन को आसान बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है.

इसे भी पढ़ें :- नाखून पर ऐसे निशान से इस बीमारी की करें पहचान, इन चीजों की ओर करते हैं इशारा

Latest News

शारदीय नवरात्रः मां संकटा देवी का दर्शन पाकर निहाल हुए भक्त, मंगल की कामना की

Shardiya Navratri: लखीमपुर शहर के बीचो-बीच स्थित प्राचीन संकटा देवी मंदिर भक्तों के आस्था और विश्वास का केंद्र है....

More Articles Like This