Yoga Benefits: 30 की उम्र के बाद खुद को रखना है फिट, तो जरूर करें ये 5 योगासन

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Yoga Benefits: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में कई बदलाव आने लगते हैं. 30 की उम्र के बाद ये बदलाव और भी साफ दिखने लगते हैं. हड्डियों की मजबूती कम होने लगती है, मांसपेशियां पहले जैसी ताकतवर नहीं रहतीं, शरीर में जकड़न महसूस होने लगती है और मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है.

ऐसे में अगर खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखना है, तो योग को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना बहुत जरूरी है. योग केवल शरीर को लचीला और फिट ही नहीं बनाता, बल्कि मन को भी शांत करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है.

ताड़ासन करने से मिलते हैं ये फायदे (Yoga Benefits) 

आयुष मंत्रालय के मुताबिक, योग की शुरुआत ताड़ासन से की जानी चाहिए. यह आसन जितना आसान दिखता है, उतना ही गहराई से शरीर पर असर करता है. ताड़ासन करने से शरीर का पोश्चर सुधरता है, रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है, और संतुलन बेहतर होता है. इसके अलावा, ये आसन पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग में मदद करता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है और लचीलापन बढ़ता है. 30 की उम्र के बाद जब शरीर की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं, तो ताड़ासन उन्हें दोबारा सक्रिय करने का काम करता है.

बेहद कारगर योगासन है पश्चिमोत्तासन

पश्चिमोत्तासन एक बेहद कारगर योगासन है, जो आपकी पीठ, पैरों और पेट के लिए लाभदायक है. इस आसन में शरीर को आगे की ओर झुकाकर पैरों के पंजे पकड़ने की कोशिश की जाती है. यह योगाभ्यास रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और हेमस्ट्रिंग्स की जकड़न को दूर करता है. 30 की उम्र के बाद जब पीठ में अकड़न या पैर जल्दी थकने लगते हैं, तब यह आसन उन हिस्सों को राहत देता है और लचीलापन बढ़ाता है. साथ ही यह मानसिक एकाग्रता को भी बेहतर करता है, जिससे तनाव कम होता है.

हड्डी को मजबूत करता है सेतुबंध सर्वांगासन

सेतुबंध सर्वांगासन को ब्रिज पोज भी कहते हैं. यह खासकर पीठ और पेट के लिए लाभकारी है. यह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है, जिसमें शरीर को ऊपर उठाकर एक सेतु की आकृति बनाई जाती है. यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है, थायरॉयड ग्रंथियों को सक्रिय करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है.

महिलाओं के लिए लाभदायक मलासन

मलासन खासतौर पर महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है. मलासन करने से पेल्विक एरिया मजबूत होता है, हिप्स और थाइज की स्ट्रेंथ बढ़ती है, और कब्ज की समस्या में भी आराम मिलता है. 30 की उम्र के बाद महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव भी होने लगते हैं. ऐसे में यह आसन न सिर्फ शरीर को संतुलन में लाता है बल्कि मानसिक तौर पर भी सुकून देता है.

शरीर और मन दोनों को आराम देता है बालासन

इसके अलावा, बालासन शरीर और मन दोनों को आराम देता है. यह योगाभ्यास तनाव को दूर करता है, पीठ के निचले हिस्से को राहत देता है और पूरे शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है. दिनभर की थकान शरीर पर हावी हो जाए या मन बेचैन हो, तो बालासन करने से तुरंत शांति मिलती है.

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