National Space Day 2024: बीएसआईपी में मना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस

National Space Day 2024: बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंसेज (बीएसआईपी) ने पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस “टचिंग लाइव्स वाइल टचिंग द मून: इंडिया स्पेस सागा” की राष्ट्रीय थीम के साथ 23 अगस्त, 2024 को मनाया और कार्यक्रम के दौरान ग्रह और अंतरिक्ष अनुसंधान में इसकी बढ़ती भागीदारी को रेखांकित किया. यह उत्सव चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 के उतरने की उल्लेखनीय उपलब्धि को चिह्नित करने और ब्रह्मांड के आश्चर्यों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और अंतरिक्ष उत्साही लोगों को एक साथ लाया. कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन और वंदना के साथ हुई. प्रोफेसर एम.जी. ठक्कर, निदेशक, बीएसआईपी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के महत्व पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा करते हुए सभागार में मौजूद दर्शकों का स्वागत किया एवं उद्घाटन भाषण दिया. कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में, प्रो. ठक्कर ने पृथ्वी और ग्रह अन्वेषण समूह (ई.पी.ई.जी.) का भी अनावरण किया, जो अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है.

बीएसआईपी के वरिष्ठम वैज्ञानिक एवं ई.पी.ई.जी. के संयोजक, डॉ. अनुपम शर्मा ने नवगठित ई.पी.ई.जी. का संक्षिप्त परिचय दिया, जिसमें वैश्विक ग्रह अन्वेषण में बीएसआईपी के योगदान को बढ़ाने में इसकी भूमिका पर जोर दिया गया. बीएसआईपी पहले से ही भू एवं खगोल विज्ञान अनुसंधान में लगा हुआ है, ई.पी.ई.जी. की स्थापना अंतरिक्ष अनुसंधान के वैश्विक मंच पर संस्थान की स्थिति को मजबूत करने हेतु गठित की गई हैं. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय के डीन प्रोफेसर ए.के. सिंह थे, जिन्होंने “द सन-अर्थ इंटरेक्शन एंड क्लाइमैटिक वेरिएबिलिटी” पर एक महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया. प्रो. सिंह का व्याख्यान सूर्य-पृथ्वी परस्पर क्रिया के मूल सिद्धांतों और पृथ्वी की जलवायु पर अंतरिक्ष मौसम के प्रभावों पर प्रकाश डालता है. उन्होंने बताया कि कैसे अंतरिक्ष मौसम का प्रभाव संचार और नेविगेशन, सैटेलाइट ड्रैग और विकिरण खतरे, बिजली और पानी की पाइपलाइन, जैविक प्रभाव एवं भूवैज्ञानिक अन्वेषण पर पड़ता है.

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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे सूर्य-पृथ्वी की परस्पर क्रिया ने एक सुंदर संतुलन बनाए रखा है, यह मानवजनित कारक ही हैं, जो पिछले पांच दशकों में पृथ्वी के तापमान में वृद्धि का कारण बन रहे हैं. इस कार्यक्रम में एक आकर्षक प्रदर्शनी भी लगाई गई जहां लखनऊ के विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने अपनी समझ और रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए अपने पोस्टर प्रदर्शित किए. इसके अतिरिक्त, एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ने प्रतिभागियों के अंतरिक्ष विज्ञान के ज्ञान का परीक्षण किया, जिससे इस विज्ञान कार्यक्रम में मनोरंजन का तत्व जुड़ गया. यह राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस छात्रों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हुए पुरस्कार वितरण समारोह के साथ संपन्न हुआ। बीएसआईपी के राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर न केवल अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान के प्रति संस्थान के समर्पण पर जोर दिया, बल्कि स्कूली बच्चों में ब्रह्मांड की गहरी समझ को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को भी मजबूत किया.

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