भूकंप के बाद म्यांमार की मदद के लिए सबसे पहले आगे आया भारत, वायु सेना के विमान से भेजी 15 टन राहत सामग्री

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Earthquake in Myanmar: म्यांमार में शुक्रवार, 28 मार्च को आए शक्तिशाली भूकंप ने पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया को हिलाकर रख दिया है. इस भूकंप ने म्यांमार में भारी तबाही मचाई, जिसमें करीब 150 लोगों की मौत हो गई और 700 लोग घायल हो गए. साथ ही सैंकड़ों इमारतें गिर गईं, जिसके कारण कई लोग बेघर हो गए. वहीं, इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए म्यांमार की मदद के लिए भारत आगे आया है.

भारत ने भेजी 15 टन राहत सामग्री

सूत्रों के मुताबिक, भारत ने भूकंप से प्रभावित म्यांमार को मानवीय सहायता के तहत कारीब 15 टन राहत सामग्री भेजी है. यह सहायता भारतीय वायु सेना के C-130J विमान के जरिए शनिवार को हिंडन वायु सेना स्टेशन से म्यांमार के लिए रवाना की गई. इस राहत सामग्री में तंबू, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, पानी शुद्ध करने के उपकरण, स्वच्छता किट, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाइयां जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सिरिंज, दस्ताने और पट्टियां शामिल हैं.

म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से भारी नुकसान

म्यांमार और थाईलैंड में यह भूकंप 200 साल का सबसे घातक भूकंप माना जा रहा है. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई है. इस भूकंप के कारण सैकड़ों लोग मलबे में दब गए हैं. अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या 10,000 तक भी पहुंच सकती है. म्यांमार में इस भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.

भूकंप का केंद्र और उसकी तीव्रता

भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था. यह भूकंप शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे आया था. इसके बाद भूकंप के झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए. बैंकॉक में भी इमारत गिरने से 80 लोग लापता हो गए हैं, जबकि 3 की मौत हो गई है.
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