जिन्ना की बरसी पर भारत विरोधी सेमीनार कराने वाले अलगाववादी नेता पर एक्शन, मकान जब्त

Srinagar: वर्ष 2009 में पाकिस्तान के संस्थापक दिवंगत अली मोहम्मद जिन्ना की बरसी पर श्रीनगर में एक भारत विरोधी सेमीनार का आयोजन कराने वाले कट्टर अलगाववादी मियां अब्दुल कयूम पर एक्शन हुआ है. पुलिस ने कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान और कट्टर अलगाववादी मियां अब्दुल कयूम के आवासीय मकान को जब्त कर लिया. फिलहाल, मियां कयूम एडवोकेट बाबर कादरी की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं. पुलिस प्रवक्ता ने मियां कयूम की आवासीय संपत्ति को कुर्क किए जाने की पुष्टि की.

पुलिस महानिदेशक के आदेश के तहत की गई यह कार्रवाई

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवाद से अर्जित आय के रूप में कुर्क करने संबंधी पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात द्वारा जारी एक आदेश के तहत की गई है. कुर्क सपंत्ति बरजुल्ला, श्रीनगर में है. पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि कयूम ने कथित तौर पर बरज़ुल्ला के बुलबुल बाग स्थित अपने दो मंजिला घर और उससे सटी दो कनाल से ज़्यादा ज़मीन का इस्तेमाल आपत्तिजनक सामग्री छिपाने और गैरकानूनी गतिविधियों में मदद करने के लिए किया था.

राष्ट्रविरोधी सेमीनार का किया गया आयोजन

प्रवक्ता के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि 31 दिसंबर 2009 को शहीदगंज पुलिस को सूचना मिली थी कि श्रीनगर के होटल जहांगीर में मुहम्मद अली जिन्ना की बरसी पर प्रतिबंधित मुस्लिम लीग के नेता फिरोज अहमद खान की अध्यक्षता में एक राष्ट्रविरोधी सेमीनार का आयोजन किया गया. इसमें मिया कयूम ने अहम भूमिका निभाई. इस सम्मेलन में सिया अंद्राबी, शब्बीर अहमद नजार और मियां अब्दुल कयूम सहित कई अलगाववादी नेताओं ने भारत विरोधी बयान देते हुए कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को सही ठहराया था. सेमीनार में इन लोगों ने कश्मीर की आजादी और भारत के खिलाफ कई उत्तेजक नारे लगाए.

जांच के दौरान पुलिस ने दर्ज किए गवाहों के बयान

पुलिस ने इस संदर्भ में शहीदगंज पुलिस्ट स्टेशन में मुकदमा भी दर्ज किया और जांच के दौरान पुलिस ने गवाहों के बयान दर्ज किए. निष्कर्ष निकाला कि मियां कयूम व अन्य अलगाववादियों ने अपने भाषण में लोगों को भारत की एकता अखंडता को भंग करने के लिए उकसाया. आरोपितों ने अपने भाषणों में ज़ोर देकर कहा कि कश्मीर का भविष्य पाकिस्तान पर निर्भर करता है और जम्मू-कश्मीर में इस्लामी क़ानून लागू होना चाहिए. इसके बाद पुलिस ने यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया.

तलाशी में मिला प्रतिबंधित साहित्य व हिज़्बुल मुजाहिदीन का एक लेटरहेड

बताया गया है कि अदालत में सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाउद पुलिस ने स्वतंत्र और निष्पक्ष गवाहों की मौजूदगी में मियां कयूम के आवास की तलाशी में प्रतिबंधित साहित्य, हिज़्बुल मुजाहिदीन का एक लेटरहेड जिस पर मुहर लगी थी. एक प्रेस नोट जैसा दस्तावेज़, सैयद सलाहुद्दीन द्वारा तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को संबोधित एक पत्र और उर्दू में हिज़्बुल मुजाहिदीन की एक और मुहर बरामद की थी. इससे स्पष्ट होता है कि मियां कयूम अपने मकान का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी और आतंकी गतिविधियों में सहयोग के लिए कर रहे थे.

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