गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि वामपंथी उग्रवादी हिंसा करते हैं और निर्दोष नागरिकों व सुरक्षा बलों की हत्या करते हैं. वह इसलिए क्योंकि वे हिंसा को राज्य सत्ता पर कब्जा करने का साधन मानते हैं. उन्होंने कहा कि, पिछले कुछ दशकों में, इसके कारण देश के कुछ हिस्सों में हिंसा का एक चक्रव्यूह सा बन गया है.
वामपंथी उग्रवादियों द्वारा मारे गए अधिकांश नागरिक आदिवासी- नित्यानंद राय
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि, समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े वर्गों, खासकर आदिवासियों को इस हिंसा का खामियाजा भुगतना पड़ा है. उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवादियों द्वारा मारे गए अधिकांश नागरिक आदिवासी हैं. उन्हें अक्सर पुलिस मुखबिर बताकर क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित किया जाता है और मार डाला जाता है.
नित्यानंद राय कांग्रेस सांसद डॉ. कल्याण वैजनाथराव काले द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे. नित्यानंद राय ने कहा, “विडंबना यह है कि माओवादी जिन आदिवासी और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के हितों का समर्थन करने का दावा करते हैं, वही भारतीय राज्य के विरुद्ध वामपंथी उग्रवादियों के तथाकथित ‘संरक्षित जनयुद्ध’ के सबसे बड़े शिकार हैं.” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नीति एवं कार्य योजना 2015 के दृढ़ कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप हिंसा में लगातार कमी आई है और वामपंथी उग्रवाद का भौगोलिक विस्तार सीमित हुआ है. राय ने कहा कि, वामपंथी उग्रवाद देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती रहा है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि, हाल के दिनों में काफ़ी हद तक वामपंथी उग्रवाद पर अंकुश लगा है. अब यह कुछ ही इलाकों तक सीमित हो गया है.
राय ने आगे कहा, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की घटनाएं और इसके कारण नागरिकों व सुरक्षा बलों की मौतें, 2010 के उच्च स्तर से 2024 में क्रम अनुसार 81 प्रतिशत और 85 प्रतिशत कम हो गई हैं. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या भी 2013 के 126 से घटकर अप्रैल 2025 में 18 रह गई है. सुरक्षा के मोर्चे पर, राय ने कहा कि भारत सरकार वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य सरकारों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल बटालियन और भारतीय रिजर्व बटालियन की मंजूरी, हेलीकॉप्टर सहायता, शिविर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, प्रशिक्षण, राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए धन, उपकरण और हथियार, खुफिया जानकारी साझा करने, किलेबंद पुलिस थानों के निर्माण आदि के माध्यम से सहायता प्रदान करती है.
मंत्री ने आगे कहा, 2014-15 से, राज्यों के क्षमता निर्माण के लिए, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को सुरक्षा बलों के संचालन व्यय, राज्य पुलिस बलों के प्रशिक्षण पर होने वाले व्यय, सरेंडर करने वाले वामपंथी उग्रवादियों के पुनर्वास, वामपंथी उग्रवाद हिंसा में मारे गए नागरिकों के परिवारों और शहीद सुरक्षा बल कर्मियों आदि के लिए सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत 3364.32 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.
उन्होंने कहा, राज्य के विशेष बलों, राज्य खुफिया शाखाओं (एसआईबी), जिला पुलिस को मजबूत करने और विशेष बुनियादी ढांचा योजना (एसआईएस) के तहत किलेबंद पुलिस थानों (एफपीएस) के निर्माण के लिए वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को 1740 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए हैं.