अतीक-अशरफ की हत्या के पीछे क्या था शूटरों का मकसद? पुलिस ने तय किए आरोप

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Atiq-Ashraf Murder Case: गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल, 2023 को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस वारदात को तीन शूटर्स लवलेश तिवारी, सनी सिंह उर्फ मोहित और अरुण मौर्य ने मिलकर अंजाम दिया था. हालांकि, मौके से ही पुलिस ने तीनों शूटर्स को गिरफ्तार कर लिया था. इसी मामले में सोमवार को प्रयागराज की जिला कोर्ट में सुनवाई की गई. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हत्यारोपियों की पेशी करवाई गई.  सुनवाई के बाद माफिया ब्रदर्स मर्डर केस में फिलहाल आरोप तय कर दिए गए हैं. फास्ट्रेक कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश कुमार गौतम ने हत्याकांड के तीनों हमलवारों के खिलाफ आरोप तय कर दिया हैं

आईपीसी की कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल

मालूम हो कि मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकार बनकर आए तीन शूटर्स ने अतीक और अशरफ की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी, जब पुलिसकर्मी उन्हें जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थें. इस मामले में 13 जुलाई 2023 को तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. सीजेएम दिनेश गौतम द्वारा चार्जशीट का संज्ञान लिया गया और मामले को परीक्षण के लिए जिला जज के सामने पेश किया गया.

तीनों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराएं 302, 307, 120बी, 419, 420, 467, 468 व आर्म्स एक्ट में चार्जशीट दाखिल की गई. इसके बाद तीनों शूटर्स को प्रतापगढ़ जिला जेल से चित्रकूट जेल में पिछले वर्ष 18 नवंबर को ही शिफ्ट कर दिया गया था. बता दें कि तीनों आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि वे गिरोह का सफाया कर अपना नाम बनाना चाहते थे. पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें ये बात कही गई थी.

उमेश पाल मर्डर केस

माफिया अतीक और उसका अशरफ उमेश पाल हत्‍याकांड में मुख्य रूप से आरोपी बनाए गए थे. उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. माफिया ब्रदर्स पर आरोप था कि दोनों ने जेल में रहकर उमेश पाल की हत्‍या की साजिश रची थी. इस दौरान गुजरात के साबरमति जेल में अतीक को कैद किया गया था. वहीं दूसरी तरफ उसका भाई अशरफ अहमद को बरेली जेल में बंद किया गया था. उमेश पाल की हत्या के बाद दोनों भाइयों को प्रयागराज लेकर आया गया.

मौके पर ही पुलिस ने किया था गिरफ्तार

15 अप्रैल 2023 को रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल ले जाए जा रहे दोनों अहमद भाइयों की शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. तीनों शूटर मीडियाकर्मी बनकर आए थे ताकि पुलिस को किसी तरह का शक न हो. हालांकि, वारदात को अंजाम देने के बाद शूटर्स भागे नहीं बल्कि वहीं खड़े रहे जिसके बाद पुलिस ने उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया.

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