गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला, जानिए क्या कहा ?

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Ghazipur Literature Festival 2025: वाराणसी के होटल द क्लार्क्स में तीन दिवसीय गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 की शुरुआत हो चुकी है. उद्घाटन सत्र में देश-विदेश से कई नामी हस्तियां मौजूद थीं. इस फेस्टिवल ( Ghazipur Literature Festival) में भारतीय जनता के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला भी शामिल हुए.

प्रेम शुक्ला ने क्या कहा?

इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि पीएम मोदी खुद साहित्यकार है. पीएम मोदी के संकल्प का साकार करने में युवाओं का सबसे अधिक योगदान है. इस विकास में युवाओं के पास साहित्य जरूरी है. इसी कारण पीएम मोदी युवाओं को साहित्य के प्रति हमेशा जागरुक करते रहते हैं.

फेस्टिवल में कितने लोग शामिल हुए

फेस्टिवल में देश-विदेश से सैकड़ों लोग शामिल हुए. इसमें साहित्यकार, कवि, पत्रकार, कलाकार और छात्र बड़ी संख्या में मौजूद थे. माना जा रहा है कि तीन दिनों में हजारों लोग विभिन्न सत्रों में शामिल होंगे.

भारत एक्सप्रेस और भारत डायलॉग्स की पहल

गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 ( Ghazipur Literature Festival 2025) की शुरुआत शुक्रवार को वाराणसी के होटल द क्लार्क्स में हो गई है. तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन का उद्घाटन भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय ने दीप प्रज्ज्वलन करके किया. जैसे ही लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन हुआ सभागार तालियों से गूंज उठा और फेस्टिवल का माहौल पूरी तरह सांस्कृतिक रंगों में डूब गया.
यह फेस्टिवल भारत डायलॉग्स और भारत एक्सप्रेस की संयुक्त पहल है. उद्घाटन के दौरान भारत डायलॉग्स की सह-संस्थापक और गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल की डायरेक्टर पूजा प्रियंवदा और फेस्टिवल निदेशक विवेक सत्यमित्रम भी मौजूद रहे.

गाजीपुर में 8 और 9 नवंबर को मुख्य कार्यक्रम

सभागार सुबह से ही लोगों से भर गया था. साहित्य और संस्कृति से जुड़ी संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, स्थानीय लोगों और युवाओं की बड़ी संख्या मौजूद रही. उद्घाटन के बाद पहले दिन फेस्टिवल की थीम “जड़ों की ओर” को केंद्र में रखते हुए सभी अतिथियों ने अपने वकतव्य दिये. फेस्टिवल के मुख्य कार्यक्रम 8 और 9 नवंबर को गाजीपुर में आयोजित होंगे, जहां पैनल डिस्कशन, वर्कशॉप, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और गिर्मिटिया विरासत पर विशेष सत्र होंगे.

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