UP: सीएम योगी बोले- शिक्षकों और छात्रों के हित में है सरकारी स्कूलों का विलय, शिक्षा में सुधार होगा

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

UP: बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कम नामांकन वाले सरकारी स्कूलों के विलय को छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों तीनों के हित में बताया है. सीएम ने कहा कि इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि विद्यालयों की पेयरिंग व्यवस्था को दूरगामी और व्यापक दृष्टिकोण से लागू किए जाने की आवश्यकता है.

सीएम ने कहा कि जिन विद्यालयों में 50 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं, उन्हें स्वतंत्र विद्यालय के रूप में संचालित करने का निर्देश दिया गया, जिससे प्रशासनिक सुविधा, जवाबदेही और शैक्षणिक निगरानी और अधिक प्रभावी ढंग से की जा सके.

सीएम योगी ने कहा कि पेयरिंग व्यवस्था के कारण खाली हुए विद्यालय भवनों में बाल वाटिकाएं और प्री-प्राइमरी स्कूल संचालित की जाएं. साथ ही, इन भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित किया जाए ताकि शिशु शिक्षा का आधार सुदृढ़ हो और विद्यालय परिसरों का उपयोग बहुपर्यायी रूप से हो सके. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया तय समय-सीमा के अंदर पूरी की जाए और इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए.

कोई भी बच्चा स्कूल से न छूटे
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान राज्य में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने, बच्चों की शत-प्रतिशत विद्यालयी उपस्थिति सुनिश्चित करने, संसाधनों के कुशल उपयोग तथा अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए. उन्होंने कहा कि 06 से 14 वर्ष की आयु का एक भी बच्चा विद्यालय से वंचित नहीं रहना चाहिए, विद्यालय प्रबंध समिति (प्रधानाध्यापक व ग्राम प्रधान) इसे सुनिश्चित कराए. इस दिशा में “स्कूल चलो अभियान” को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न छूटे.

सीएम योगी ने परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक छात्र के अभिभावक के बैंक खाते में यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्टेशनरी एवं पाठ्य सामग्री के लिए 1200 रुपये की सहायता राशि को डीबीटी के माध्यम से शीघ्रता से अंतरित किए जाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यह कार्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ किया जाए ताकि लाभार्थियों को समय पर मदद मिल सके और विद्यालयीय सामग्री की व्यवस्था बाधित न हो. उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जिन विद्यालयों में आधारभूत संरचना की कमी है, वहां अविलंब संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक वातावरण में अध्ययन का अवसर प्राप्त हो.

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