किसानों की फार्मर रजिस्ट्री को लेकर बड़ा अभियान, डीएम को प्रतिदिन समीक्षा करने के निर्देश

Up news: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की फार्मर रजिस्ट्री को लेकर बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर जिलाधिकारियों को फार्मर रजिस्ट्री की प्रगति पर प्रतिदिन समीक्षा करेगे. राजस्व विभाग को राजस्व अधिकारियों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने का निर्देश दिया गया है ताकि भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड में आधार के अनुरूप सुधार सुनिश्चित किया जा सके. अधिकार अभिलेख (Land Records) में मालिकों के नाम आधार के अनुरूप सही किए जाएंगे, जिससे किसानों की पहचान में किसी प्रकार की त्रुटि न रह जाए.

पीएम किसान योजना में 100% पंजीकरण पर जोर

योगी सरकार ने जिलाधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत किसानों का 100% पंजीकरण अगली किस्त जारी होने से पहले पूरा हो. इसके साथ ही सभी जिलाधिकारियों को व्यापक आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियां चलाने के भी निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों को विशेष रूप से चेताया गया है कि पिछड़ रहे जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाए और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाएं.

किसान पंजीकरण मामले में शीर्ष पर हैं ये पांच जिले

सरकार ने 2.88 करोड़ से अधिक किसानों के पंजीकरण का लक्ष्य रखा है. अब तक लगभग 1.45 करोड़ किसान – लक्ष्य के 50 प्रतिशत से अधिक – पंजीकृत हो चुके हैं. सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘बिजनौर 58 प्रतिशत से अधिक पंजीकरण के साथ राज्य में सबसे आगे है, इसके बाद हरदोई (57.84 प्रतिशत), श्रावस्ती (57.47 प्रतिशत), पीलीभीत (56.89 प्रतिशत) और रामपुर (56.72 प्रतिशत) हैं. ये किसान पंजीकरण के मामले में शीर्ष पांच जिलों में शामिल हैं.’’

अभियान से जुड़े संभावित लाभ

  • योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन: किसानों के वास्तविक डाटा के आधार पर सब्सिडी, बीज, खाद और योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा.
  • भूमि अभिलेखों का सुधार: मालिकों के नाम आधार से जोड़ने से जमीन के रिकॉर्ड सही और अद्यतन होंगे.
  • डुप्लीकेसी खत्म होगी: एक ही किसान के नाम पर बार-बार लाभ लेने की संभावना खत्म होगी.
  • PM-KISAN और अन्य योजनाओं की कवरेज बढ़ेगी: किसी भी पात्र किसान का नाम छूटने की संभावना न्यूनतम होगी.

इसे भी पढ़ें:-कल मनाई जाएगी पिठोरी अमावस्या, जानें पितृ पूजा का खास मुहूर्त

Latest News

भारत के लिए लिपुलेख दर्रा है अहम, जिस पर नेपाल करता है झूठा दावा…, चीन से भी जुड़ा इसका हित

India Nepal Tension : लिपुलेख दर्रा, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हिमालय के ऊंचे पहाड़ों में 5,115 मीटर की...

More Articles Like This

Exit mobile version