Supreme Court on Delhi rains: सीजेआई बी.आर गवई ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि दो घंटे की बारिश में दिल्ली लकवाग्रस्त हो जाती है. जबकि दिल्ली देश की राजधानी है. कोर्ट ने सड़कों की खस्ता हालत और टोल वसूली को लेकर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.
कोर्ट का सवाल
सीजेआई बी आर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एन वी अंजारिया की पीठ ने नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की ओर से दायर याचिका पर सभी पक्षों की जिरह के बाद फैसला सुरक्षित रखा है. कोर्ट केरल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केरल के एक हाईवे पर 12 घंटे लगे जाम पर भी सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को सड़क के एक छोड़ से दूसरे छोड़ जाने के 12 घंटे समय लगता है कि टोल किस काम का है.
टोल नहीं, यात्रियों को मुआवजा मिलना चाहिए
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रन ने कहा कि अगर किसी सड़क पर घंटों तक गाड़ियां फंसी रहती है कि वहां टोल कम करने की बात नही, बल्कि यात्रियों की. मुआवजा देने की स्थिति बनती है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर सड़कें दुरुस्त नहीं है कि एम्बुलेंस तक निकलने में दिक्कत होती है. जो बेहद गंभीर मसला है.
अपने आप नही पलटी थी लॉरी- सुप्रीम कोर्ट
NHAI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जाम की वजह एक लॉरी का पलटना बताया. इस तर्क पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि लॉरी अपने आप नही पलटी थी. एसजी मेहता ने यह भी कहा कि जिन स्थानों पर अंडरपास का निर्माण चल रहा है, वहां वैकल्पिक सड़कों की व्यवस्था की गई है. हालांकि, बारिश की वजह से अंडरपास का कार्य प्रभावित हुआ है.
बता दें कि केरल हाई कोर्ट ने खराब सड़क स्थिति को देखते हुए टोल वसूली चार सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया था. जिसके खिलाफ NHAI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखा है.
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