स्टालिन का सनातन पर एक और बयान, कहा- ‘राष्ट्रपति को नई संसद के उद्घाटन में इसलिए नहीं बुलाया, क्योंकि वो…

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sanatan Dharm Row: तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक बार फिर से सनातन धर्म पर बयान दिया है. उन्होंने इस बार देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद के उद्घाटन के दौरान ना बुलाने को लेकर सवाल खड़ा किया है. आपको बता दें कि तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बुधवार को सनातन विवाद को फिर से हवा दे दी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन में आमंत्रित नहीं किया गया था, लेकिन कुछ ‘हिंदी अभिनेताओं’ को आमंत्रित किया गया था.

…इसलिए नहीं किया गया आमंत्रित
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि नए संसद भवन में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया, लेकिन ‘हिंदी अभिनेताओं’ को आमंत्रित किया गया था. क्योंकि मुर्मू एक आदिवासी समुदाय से हैं और एक विधवा हैं इस वजह से ऐसा किया गया. इसी को सनातन धर्म कहते हैं.

आपको बता दें कि सनातन धर्म को लेकर विवाद उस वक्त से पैदा हुआ जब उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना वायरस से की. स्टालिन के इस बयान के बाद से देश भर में सियासी हलचल पैदा हो गई. जानकारी दें कि इस विषय से विपक्षी एकता वाली गठबंधन ने खुद को जुदा कर लिया. हालांकि, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने स्टालिन के बयान का समर्थन किया था.

राहुल गांधी ने भी उठाया सवाल
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी महिला आरक्षण विधेयक पर बोलते हुए नए संसद भवन में द्रौपदी मुर्मू की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि “यह काफी अच्छी इमारत है, अच्छा मोर, जमीन पर अच्छे मोर पंख. कुर्सी पर अच्छे मोर पंख, लेकिन सच कहूं तो, मुझे इस प्रक्रिया में भारत के राष्ट्रपति को देखना अच्छा लगता. भारत की राष्ट्रपति एक महिला हैं, वह आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं और एक सदन से दूसरे सदन में इस स्थानांतरण में उनका दिखना उचित होता.

गौरतलब है कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर संसद का कामकाज पुराने भवन से नए भवन में स्थानांतरित हो गया. मंगलवार को कई अभिनेताओं ने नए संसद भवन का दौरा किया था.

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