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गोपियां अपने मन को श्री कृष्ण में लगाने का नहीं, बल्कि बचाने का करती हैं प्रयास: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान कृष्ण को पूर्णावतार कहा है- भगवान् कृष्ण का बहुआयामी व्यक्तित्व है और हर आयामों में कृष्ण पूर्ण हैं। आप देखिए दूसरे अवतारों ने जो कुछ किया है सब...

कथा के एकाध शब्द की धारणा होने पर सुधरता है मन: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जब-जब मन चंचल होवे भगवान के नामामृत और कथामृत का पान करो। कथा में बाधा आवे तो समझो कि अपने पाप अधिक हैं। वृथा बोलने के समान कोई पाप...

भगवान के प्रति आपका विश्वास जितना दृढ़ होगा, उतना ही आप उनकी कृपा का कर सकेंगे अनुभव: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मेरे पास जो कुछ है, श्री भगवान् की कृपा का ही बल है। एक संत के मुख से प्रगट हुई यह वाणी है। मेरे में यदि किसी को कोई...

जो जन्म-मरण के फेरे से छूट गये, वही सीख पाये हैं मरना: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, रामायण, भागवत और महाभारत अद्भुत ग्रंथ है-रामायण से जीना सीखें, भागवत से मरना सीखें, भागवत में श्रीशुकदेवजी महाराज ने मरना सिखाया है। श्रीमद्भागवत में मृत्यु के पूर्व सूचना दो...

जो भगवान से युक्त हो जाता है उसे नही होता मृत्यु का भय: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मृत्यु जीवन का अनिवार्य सत्य है- मृत्यु जीवन का अनिवार्य सत्य है, यह समझकर मृत्यु से भागें नहीं, स्वीकार करें। मृत्यु के भय को छोड़ें। यह तो मालिक का...

भगवान की कथा-श्रवण का होता है अद्भुत प्रभाव: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान् की कथा-श्रवण का अद्भुत प्रभाव अब तक क्यों नहीं व्यक्त हो पाया? देखो भाई, कथा सुनने में लाभ ही लाभ है। कथा का अर्थ है- भगवान् की कथा,...

महापुरुष जिस कुल में उत्पन्न होते हैं, उस कुल के सभी व्यक्ति बन जाते हैं परमात्मा की प्राप्ति के अधिकारी: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, महापुरुषों के प्रति परम श्रद्धा अर्जन कीजिये-महापुरुषों की महिमा का वर्णन नहीं हो सकता। महापुरुष जिस कुल में उत्पन्न होते हैं, उस कुल के सभी व्यक्ति परमात्मा की प्राप्ति...

पुण्यकर्म और ईश्वर की आराधना है जीवन का असली उद्देश्य : दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पहली और आखिरी बात- सबसे पहली और सबसे आखरी बात तो एक ही है- एक भी क्षण हमारे-आपके जीवन का प्रभु की पवित्र तथा मधुर-मधुर स्मृति से रहित नहीं...

जिसके पास बैठने मात्र से शान्ति का अनुभव हो, वही है सच्चा संत: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, चिन्ता नहीं चिन्तन- श्रीनारदजी भगवान के परम भक्त हैं। भगवान के दास हैं। वे उदास कभी नहीं रहते। भगवान का दास होकर उदास रहे तो फिर भक्ति और विश्वास...

मारुति के समान प्रामाणिक सेवक बनने की थी गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी महाराज की कामना: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, तापत्रय विनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमः।। श्रीकृष्ण को हम सब नमस्कार करते हैं। केवल कृष्ण को नहीं बल्कि श्रीकृष्ण को। श्री याने राधा, राधा वाले कृष्ण को हम सब नमस्कार...
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