Asaduddin Owaisi: ज्ञानवापी मामलें में ओवैसी का भड़काऊ बयान, 6 दिसंबर 1992 का दिन दिलाया याद

Asaduddin Owaisi Reaction on Gyanwapi Case: एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी अपने भड़काऊ बयान को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. इस बार फिर ओवैसी ने एक ऐसा ही भड़काऊ बयान दिया है, जिससे कि इस बार ओवैसी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इस बार असदुद्दीन ओवैसी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को निशाना साधा है. आपको बता दें इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में ASI टीम सर्वे कर रही है. इसी मसले पर ओवैसी ने ट्वीट कर भड़काऊ बयान दिया है.

कहा, “न हो 23 दिसंबर और 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति”
ज्ञानवापी मुद्दे पर ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि, “एक बार जब ज्ञानवापी एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी, तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी. आशा है कि न तो 23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति होगी. पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए. आशा है कि एक हजार बाबरियों के लिए फ्लडगेट्स नहीं खोले जायेंगे.

जब कारसेवकों ने ढहा दिया था ढांचा
आपको बता दें, ओवैसी ने अपने ट्वीट में जिस घटना का जिक्र किया है, उसमें वर्ष 1992 में 6 और 23 दिसंबर को कारसेवकों की भीड़ ने अयोध्या के विवादित ढांचे को क्षतिग्रस्त कर रामलला की मूर्ति को वहां रख दिया था. बता दें, इस घटना में कई जानें गईं थीं.

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