यूथ-20 समिट में शामिल हुए सीएम योगी, बढ़ाया युवाओं का हौसला; कहा- युवा आज का नेता और कल का निर्माता

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Youth 20 Summit: शुक्रवार को सीएम योगी वाराणसी के दौरे पर रहे. यहां पर रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, सिगरा में जी-20 के तहत आयोजित यूथ-20 समिट के उद्घाटन कार्यक्रम में सीएम ने शिरकत की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री व वाराणसी के सांसद व नरेंद्र मोदी का आभारी हूं, जिन्होंने जी-20 समिट से जुड़े कई समिट के आयोजन का अवसर यूपी को दिया. इसमें वाई-20 का मुख्य समिट वाराणसी में आयोजित हो रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई कि वाई-20 का यह समिट दुनिया भर के युवाओं के लिए नई प्रेरणा का संदेश देकर जाएगा.

इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “जब मैं युवा साथियों के बारे में सोचता हूं, कहीं से लगता है कि युवाओं की प्रतिभा पर प्रश्न खड़ा करने का प्रयास किया जाता है तो मुझे इस बात का दुख होता है कि कौन सा ऐसा कालखंड नहीं था, जब युवाओं ने अपनी प्रतिभा व ऊर्जा से समाज को नई दिशा न दी हो. प्राचीन काल से भारत की व्यवस्था को देखें तो युवाओं ने अपने समय में अनेक कार्य किए. युवा शक्ति के रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम भी याद आते हैं, उन्होंने संकल्प लिया था ‘निसचर हीन करऊं महि, भुज उठाई पन कीन्ह’… जब भारत की धरती से उन्होंने राक्षसी प्रवृत्ति को पूरी तरह समाप्त करने का आह्वान किया था, तब राम युवा ही थे. मथुरा को कंस व राक्षसों के अत्याचार से मुक्त करने वाले ‘परित्राणाय साधुनाम्, विनाशाय च दुष्कृताम्’ का आह्वान करने वाले श्रीकृष्ण भी युवा ही थे. दुनिया को निर्माण का संदेश देने वाले महात्मा बुद्ध, ज्ञान प्राप्त करने के बाद पहला उपदेश इसी सारनाथ में देते हैं, तब वे भी युवा ही थे.”

महाराणा प्रताप, अभिमन्यु, वीर सावरकर भी थे युवा
यूथ समिट 2023, यानी वाई 20 कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “भारत के अंदर चार कोनों में चार पीठों की स्थापना करने वाले व भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूती प्रदान करने वाले आदि शंकर मात्र 32 वर्ष तक ही जीवित रहे. स्वामी विवेकानंद ने भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का कार्य किया. उन्होंने महज 39 वर्ष ही जीवन जिया. स्वामी प्रणवानंद ने मात्र 42 वर्ष का जीवन जीया था. ‘सवा लाख से एक लड़ाऊं’ का उद्घोष करने वाले गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जी महाराज भी युवा ही थे. रानी लक्ष्मीबाई काशी में जन्मी थीं. मात्र 23 वर्ष की आयु में झांसी की आजादी के लिए युद्ध लड़ा था. ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी युवा ही थे.”

इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा, “भारत की आजादी के लिए क्रांतिदूत बनकर बलिदान देने वाले चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, सुखदेव, राजगुरु, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह आदि क्रांतिकारी युवा ही थे. विनायक दामोदर सावरकर को मात्र 28 वर्ष की आयु में दो बार आजीवन कारावास की सजा हुई, वे भी युवा ही थे. महाभारत का वह दृश्य, जिसमें 16 वर्ष का अभिमन्यु चक्रव्यूह को भेदता हुआ कौरवों के छक्के छुड़ाता है. वह युवा ही थे. फ्रांस के लुईस ब्रेल ने 15 वर्ष की आयु में दृष्टिहीनों के लिए लिपि की खोज की थी. सापेक्षता का सिद्धांत देने वाले आइंस्टीन की आयु उस समय मात्र 16 वर्ष थी. गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत देने वाले न्यूटन की आयु उस समय मात्र 23 वर्ष की थी.”

3D की त्रिवेणी हमें बनाती है विशिष्ट
वाराणसी में यूथ समिट को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा, “सांस्कृतिक विविधता व एकता के कारण भारत दुनिया के नागरिकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. लोकतांत्रिक परंपराओं पर विश्वास करते हुए 140 करोड़ की आबादी जिस भाव-भंगिमा के साथ एकता व अखंडता के लिए यशस्वी नेतृत्व में कार्य कर रही है, वह भारत को दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी के रूप में भी प्रस्तुत करती है. ‘डेमोग्रॉफी, डेमोक्रेसी व डायवर्सिटी’ की यह त्रिवेणी हमें विशिष्ट बनाती है. नित्य नूतन व चिर पुरातन संस्कृति की सुदृढ़ नींव पर हमारा देश अपने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा करते हुए अमृतकाल के प्रथम वर्ष में जी-20 के इस आयोजन की अध्यक्षता कर रहा है. हर भारतवासी न केवल इन आयोजनों के प्रति लालायित है, बल्कि वैश्विक मंच पर उभरते भारत के रूप में प्रस्तुत करते हुए गौरवान्वित महसूस करता है.”

अध्यात्म दर्शन के रूप में जानी जाती है काशी
उक्त कार्यक्रम में सीएम ने कहा, “वाराणसी बाबा विश्वनाथ का पावन धाम है. प्राचीन काल से धर्म व अध्यात्म की नगरी होने के साथ ही भारत के अध्यात्म दर्शन, शिक्षा, साहित्य और कला की भूमि के रूप में भी यह प्राचीन नगरी के रूप में जानी जाती रही है. वाराणसी उत्तर प्रदेश के प्रमुख महानगरीय होने का सौभाग्य प्राप्त करती है. इसमें न केवल उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक परंपरा, बल्कि कला, संगीत व शिक्षा की प्रमुख नगरी के रूप में भी वाराणसी समेत उप्र के अनेक नगरों को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि वह भारत के हृदय स्थल के रूप में पहचान बनाने में सफल हुए हैं. वाराणसी इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भगवान बुद्ध ने सारनाथ में पहला उपदेश दिया था, जो आज भी बौद्ध अनुयायियों के लिए पवित्र व आकर्षण का केंद्र बना है.”

उच्च चरित्र वाले लोग समस्त संसार को ही परिवार मानते हैं
वहीं, सीएम योगी ने कहा कि जी-20 की थीम वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर यह भारत की उस प्राचीन व्यवस्था को प्रस्तुत करता है, जिसने हजारों वर्ष पहले दुनिया को वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश दिया था यानी परिवार को पूरी दुनिया मानने वाली व्यवस्था. यह मेरा, यह तेरा संकुचित लोगों की सोच है. उच्च चरित्र वाले लोग समस्त संसार को ही परिवार मानते हैं. हमें गर्व है कि भारत ने सदैव उदार भावनाओं का प्रतिनिधित्व किया है और जी-20 का यह समिट इस बात का उदाहरण भी है.

उन्होंने कहा कि हमारे युवा आने वाले समय के नीति-नियंता है, इसलिए विश्व मानवता के बेहतर भविष्य के लिए वर्तमान में की जा रही उनकी भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है. जी-20 के अंदर वाई-20 का यह आयोजन पूरे आयोजन की प्रासंगकिता को बढ़ाता है. यह सम्मेलन इस वैचारिक यात्रा की परिणीति का प्रतीक है, जो दुनिया के सभी कोनों से आए युवाओं के सामूहिक प्रयास से प्रारंभ की गई है. इस अवसर पर केंद्रीय सूचना-प्रसारण, खेल व युवा कल्याण मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, अरविंद कुमार शर्मा, अनिल राजभर, रवींद्र जायसवाल, गिरीश चंद यादव आदि मौजूद रहे.

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