Air Strike in Myanmar: म्यांमार के आतंकवादी संगठन उल्फा आई (यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-I ) के ईस्टर्न हेडक्वार्टर पर जबरदस्त एयरस्ट्राइक हुई है, जिससे वहां भयंकर तबाही मची हुई है. बता दें कि ये एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन है, जो भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है. लेकिन अचानक इस संगठन पर एयर स्ट्राइक एक बड़ा रहस्य बना हुआ है, क्योंकि ये किसके द्वारा की गई है कुछ पता नहीं है. लेकिन उल्फा ने इसका आरोप भारत पर लगाया है, उसका कहना है कि ये एयर स्ट्राइक भारतीय सेना ने की है.
दरअसल, म्यांमार में इस समय हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. देश में कई उग्रवादी संगठन सत्ता में बैठी सेना से लड़ रहे हैं. जिसमें कुछ उग्रवादी संगठन भारत म्यांमर की सीमा के पास भी ऑपरेट करते हैं, जो भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा चुनौती बनते जा रहे है.
उल्फा आई के लेफ्टिनेंट जनरल नयन ओसम की मौत
कई रिपोर्ट्स के अनुसार, म्यांमर में चल रहे इस गृह युद्ध में चीन खुलकर उग्रवादी संगठनों और सत्ता में बैठी सेना दोनों को हथियार दे रहा है. या यूं कहें की चीन पहले आग लगा रहा है और उसके बाद घी भी डाल रहा है. ऐसे में बिगड़ते हालातों के बीच उल्फा आई ने दावा किया कि 150 ड्रोन अचानक आए और हमारे हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया. ये हमला म्यांमार की सीमा के अंदर हुआ है. इस हमले में उल्फा आई के लेफ्टिनेंट जनरल नयन ओसम की मौत हो गई है.
नेता के अंतिम संस्कार के दौरान हुआ हमला
प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (I) का दावा है कि भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा के पास उनके कैंपों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनमें समूह के तीन नेताओं की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि 13 जुलाई की सुबह उसके कई कैंपों पर ड्रोन से हमला किया गया, जिसमें उनके टॉप कमांडर की मौत हो गई, जबकि 19 अन्य घायल हुए. वहीं, एक अन्य बयान में उन्होंने कहा कि जब मारे गए नेता का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, उसी समय मिसाइलों से फिर से हमला हुआ. हमले में संगठन की ‘लोअर काउंसिल’ के ब्रिगेडियर गणेश असम और कर्नल प्रदीप असम मारे गए.
भारतीय सेना ने खारिज किए आरोप
वहीं, भारतीय सेना ने म्यांमार में प्रतिबंधित उग्रवादी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) के तीन शीर्ष नेताओं सहित 19 उग्रवादियों के मारे जाने वाले किसी भी अभियान में अपनी संलिप्तता से स्पष्ट रूप से इनकार किया है. दरअसल, रक्षा जनसंपर्क अधिकारी कर्नल एमएस रावत ने गुवाहाटी में कहा कि भारतीय सेना के पास ऐसे किसी अभियान की कोई जानकारी नहीं है. हालांकि परेश बरुआ के नेतृत्व वाले प्रतिबंधित उग्रवादी समूह ने दावा किया है कि कल तड़के भारतीय सेना ने म्यांमार स्थित उसके पूर्वी मुख्यालय को ड्रोन से निशाना बनाया.
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