बांग्लादेश में आई भिखारियों की बाढ़, पाकिस्तान से दोस्‍ती करना मोहम्‍मद यूनुस को पड़ रहा भारी

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh beggars: पाकिस्‍तान के बाद अब बांग्लादेश में भिखारियों की बाढ़ आ गई है. इन दिनों राजधानी ढाका में जिधर देखों उधर भिखारी ही भिखारी दिखाई दे रहे है, जो ढाका के सभी सार्वजनिक स्थलों पर गैंग बनाकर लोग भीख मांग रहे हैं. देश में बढ़ती भिखारियों की संख्या ने बांग्‍लादेश प्रशासन के साथ ही आम लोगों की टेंशन भी बढ़ा दी है.

बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, इन भिखारियों में ज्‍यादातर महिलाएं शामिल है, जो स्ट्रीट पर आने-जाने वाले सभी लोगों से चोट या कोई अन्य बहाना बनाकर भीख मांग रही हैं. ऐसे में ढाका ट्रिब्यून (बांग्लादेशी मीडिया) ने तो 2 महिला भिखारियों से बातचीत भी की है.

भिखारियों का क्या कहना है?

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, एक महिला भिखारी, रशेदा (बदला नाम) ने कहा कि मैं बीमार हूं, जिसके कारण मैं कोई काम नहीं कर पाती, इसीलिए बच्चों को पालने के लिए मैं भीख मांगने ढाका आई हूं. वहीं 16 साल की तंजेला ने कहा कि मेरी मां गृहिणी हैं. मेरा भाई बीमार है. ऐसे में रोजी-रोजगार न होने के कारण मेरे भाई के इलाज के लिए पैसा नहीं जुट पा रहा था, जिसके वजह से मैं भीख मांग रहा हूं और पैसे जुटकार उसका इलाज करा रहा हूं.

भीख मांगने में पाकिस्तानियों का अपना ट्रैक रिकॉर्ड

बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अभी देश में महंगाई और बेरोजगारी कंट्रोल नहीं कर पाई थी, तब तक देश में लगातार बढ़ती भिखरियों की संख्या ने मो‍हम्‍मद यूनुस की टेशन और भी बढ़ा दी है. वहीं, बांग्लादेश में भिखारियों के बढ़ने की संख्या ऐसे वक्त में सामने आई है, जब यूनुस की सरकार पाकिस्तान से दोस्ती बढ़ा रही है. बता दें कि पूरी दुनिया में भीख मांगने के मामले में पाकिस्तानियों का अपना ट्रैक रिकॉर्ड है.

देश में कितनी है भिखारियों की संख्‍या?

दरअसल, हाल ही में सामने आए एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में कम से कम 2 करोड़ भिखारी हैं, जो दुनिया कई देशों में जाकर भीख मांगते हैं. इन देशों में यूएई, कतर और सऊदी जैसे देश शामिल है. वहीं, बात करें बांग्लादेश की, तो साल 2023 में जारी किए गए आकड़े के मुताबिक, पूरे देश में करीब 7 लाख भिखारी हैं, जिसमें सिर्फ ढ़ाका में ही 40 हजार भिखारियों के होने की बात कही गई थी. उस वक्त शेख हसीना की सरकार ने भिखारियों को मुख्यधारा में लाने का वादा किया था.

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