Bangladesh Elections: बांग्लादेश में अगले कुछ ही महिनों में चुनाव होने वाला है, जिसके तारीखों का ऐलान आज यानी गुरुवार को इलेक्शन कमीशन द्वारा किया जा सकता है. हालांकि चुनाव के तारिखों के ऐलान होने से एक दिन पहले ही अंतरिम सरकार में शामिल दो सलाहकारों महफुज आलम और आसिफ महमूद शोजिब भुइयां ने इस्तीफा दे दिया है.
पहले छात्र नेता रह चुके इन दोनों सलाहकारों ने बुधवार को अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनुस को अपना इस्तीफा सौंपा. सलाहकारों के इस्तीफे के पीछे की वजह चुनाव आयोग के नियम बताए जा रहें है. दरअसल, चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अंतरिम सरकार में कोई भी सलाहकार रहते हुए चुनाव नहीं लड़ सकता. इसलिए जो भी चुनाव लड़ना चाहता है, उसे पहले अपने पद से इस्तीफा देना होगा.
यूनुस सरकार में दोनों सलाहकारों की भूमिका
बता दें कि महफुज आलम सूचना और प्रसारण मंत्रालय का काम देख रहे थे. वहीं आसिफ महमूद शोजिब भुइयां स्थानीय सरकार मंत्रालय के प्रभारी थे. दोनों को स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) नाम के छात्र संगठन के प्रतिनिधि के रूप में अंतरिम सरकार में शामिल किया गया था. दरअसल, SAD वही समूह है जिसने 5 अगस्त 2024 को बड़े पैमाने पर सड़क आंदोलन चलाया था. इसी आंदोलन के दबाव में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई थी.
SAD के सलाहकारों का इतिहास
शेख हसीना सरकार गिरने के बाद अंतरिम सरकार में SAD के तीन नेताओं को सलाहकार बनाया गया था. इनमें से एक नाहिद इस्लाम पहले ही फरवरी 2024 में इस्तीफा दे चुके थे, जिसके बाद उन्होंने नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) नाम की नई राजनीतिक पार्टी बनाई, जिसे SAD का पॉलिटिकल विंग माना जाता है. अब बाकी दो SAD नेता लम और भुइयां ने भी पद छोड़ दिया है.
दरअसल, भुइयां ने पहले ही कहा था कि वो चुनाव लडने के लिए इस्तीफा देंगे. फिलहाल उन्होंने NCP या किसी अन्य पार्टी से जुड़ने की घोषणा नहीं की है. दूसरी ओर, महफुज आलम ने अभी तक अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कुछ नहीं कहा है.
चुनाव आयोग की घोषणा
वहीं, चुनाव आयोग के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त A.M.M. नसीर उद्दीन गुरुवार को चुनाव की आधिकारिक तारीखों की घोषणा करेंगे. आयोग पहले ही साफ कर चुका है कि अंतरिम सरकार के सलाहकार चुनाव नहीं लड़ सकते. ऐसे में इन इस्तीफों के बाद माना जा रहा है कि दोनों नेता चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन वे किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है.
इसे भी पढें:-म्यांमार के एक अस्पताल में एयर-स्ट्राइक, 30 लोगों की मौत; जानें दुनियाभर का क्या है इसपर रूख