बांग्लादेश की सड़कों पर उतरे हजारों हिन्दू, हिंसा के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

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Bangladesh Hindus Protest : बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार थम ही नही रहा है. लोगों का कहना है कि मोहम्मद यूनुस की सरकार तो सिर्फ कहने के लिए ही है लेकिन असल में कट्टरपंथी ही बंग्लादेश में सत्ता में छाए हुए हैं. बता दें कि कट्टरपंथी लगातार अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं. साथ ही हिंदुओं के मंदिरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और हिंदू धर्म के पूजा-पाठ पर भी सवाल उठा रहे हैं. इसी वजह से हिन्‍दू समाज के लोग नाराज होकर बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सड़कों पर उतरे और कट्टरपंथियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.

मीडिया से बातचीत के दौरान ढाका में हो रहे हिंदुओं के प्रदर्शनों में पहुंची एक महिला ने कहा कि ”बांग्लादेश में हम हिंदुओं की जनसंख्या बहुत कम है इसीलिए उन्‍हें सताया जा रहा है. उन्‍होंने ये भी कहा कि कट्टरपंथी हमारे धर्म का अपमान करते हैं. यहां तक की मंदिरों पर भी हमला बोलते हैं. ऐसे में इतने से भी बात नही बनती तो वे तो हमारी मूर्ति पूजा का भी विरोध करते हैं. हम जब पूजा करते हैं तो वह उसे शैतान की पूजा बताते हैं. इसी के खिलाफ आज हम ढाका की सड़कों पर उतरे हैं.”

हिन्‍दू समाज को बनाया गया निशाना

इसके साथ ही जानकारी देते हुए महिला प्रदर्शनकारी ने ये भी बताया कि शेख हसीना के बांग्लादेश से जाने के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं. उन्‍होंने बताया कि हिंदू समाज के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है. साथ ही उनके घरों को भी टारगेट किया जा रहा है. इतना ही नही बल्कि हिंदू लड़कियों के साथ रेप के कई मामले भी सामने आए हैं. उन्‍होंने कहा कि हमें अपने देश में ऐसे सताया नहीं जा सकता है. हम ये सब चुपचाप नहीं सहने वाले हैं, इसीलिए हम लोग सड़कों पर प्रदर्शन करने निकले हैं.

हिंदू प्रदर्शनकारी ने की अपील

बातचीत के दौरान जब ढाका में महिला प्रदर्शनकारी से ये पूछा गया कि आप बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार से क्या अपील करना चाहती हैं. ऐसे में उन्‍होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं बस यही कहना चाहती हूं कि हम हिंदुओं की रक्षा की जाए और इन कट्टरपंथियों के सामने ऐसे ना छोड़ा जाए. उन्‍होंने ये भी कहा कि बांग्लादेश हमारा देश है. हम हिंदुओं को हमारी जमीन से अलग नहीं किया जा सकता है.

हिदुंओं पर बढ़े कट्टरपंथियों के हमले

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान उन्‍हें बांग्‍लादेश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. तब शेख हसीना सुरक्षित भारत में आ गई थीं और वह अभी तक भारत में ही हैं. लेकिन वहीं उनके सत्ता से बेदखल होने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की दशा बद से बदतर हो गई और हिंदुओं पर कट्टरपंथियों के हमले बढ़ गए.

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