Bangladesh: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के तेवर अब ढीले पड़ते नजर आ रहे हैं. बांग्लदेश में अल्पसंख्यकों को लेकर मोहम्मद यूनुस ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि देश में कोई भी संविधान संशोधन धार्मिक आजादी और अल्पसंख्यक अधिकारों को कायम रखेगा.
मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक भी बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी की तरह अधिकारों का लाभ उठाते रहेंगे. मालूम हो कि पिछले वर्ष बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यकों पर काफी अत्याचार किया गया था. लेकिन, अब मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं.
यूनुस ने और क्या कहा?
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने यहां अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) के अध्यक्ष स्टीफन श्नेक से मुलाकात के दौरान यह बात कही. मोहम्मद यूनुस के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘हम देश में धार्मिक सौहार्द के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं.’’
नरम पड़े यूनुस के तेवर
मजेदार बात ये है कि बांग्लादेश में जारी सियासी हलचल के बीच मोहम्मद यूनुस तेवर अब नरम पड़ रहे हैं. देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है और यूनुस बांग्लादेश को संभालने में पूरी तरह असफल साबित हो रहे हैं. सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां ने भी देश में चुनाव को प्राथमिकता देकर सियासी पारा बढ़ा दिया है. इस बीच मोहम्मद यूनुस ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वो अगले साल 30 जून के बाद कुर्सी पर नहीं रहेंगे.
बांग्लादेश में बिगड़ते हालात
बांग्लादेश में तनावपूर्ण स्थिति है और यूनुस सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है. राजधानी ढाका सहित कई शहरों में हालात कभी भी बदल सकते हैं. एक प्रमुख व्यापारिक समुदाय के नेता शौकत अजीज रसेल पहले ही कह चुके हैं कि देश में व्यापारियों को उसी तरह मारा जा रहा है जैसे 1971 के मुक्ति संग्राम में बुद्धिजीवियों को मारा गया था.
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