बांग्लादेश: अवामी लीग ने देश के लिए अगस्‍त महीने को बताया दुर्भाग्‍यपूर्ण, यूनुस सरकार के इस फैसले की भी की आलोचना

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh: बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने गुरुवार को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की. आवामी लीग ने कहा कि सरकार ने 15 अगस्त को बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 50वीं पुण्यतिथि न मनाने और किसी भी कार्यक्रम को आयोजित करने से रोकने की चेतावनी दी है.

यूनुस सरकार लोगों के अधिकारों का कर रही हनन

हालांकि पार्टी ने घोषणा की थी कि वह 15 अगस्त को बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के कई सदस्यों की हत्या की याद में राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाएगी. उनका कहना है कि “फासीवादी” यूनुस सरकार लोगों को राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि मनाने की अनुमति नहीं देकर, उनके अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन कर रही है.

15 अगस्‍त को हुई थी इतिहास की सबसे क्रूर और भयावह हत्या

अवामी लीग ने अपने एक बयान में कहा कि “15 अगस्त राष्ट्रीय शोक दिवस है; यह मानव सभ्यता के इतिहास की सबसे क्रूर और भयावह हत्या से जुड़ा हुआ दिन है. साल 1975 में इसी दिन, मानवता के दुश्मनों और प्रतिक्रियावादी हत्यारों ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी थी. वे बांग्लादेश के मुक्ति आंदोलन के महान नेता, दुनिया के उत्पीड़ित और वंचित लोगों के समर्थक, सदियों से बंगालियों के सबसे प्रिय व्यक्ति, देश के लिए प्रेरणा के शाश्वत स्रोत, स्वतंत्र बांग्लादेश के निर्माता और सभी समय के महानतम बंगाली माने जाते हैं.  उस दिन उनके परिवार के अधिकांश सदस्यों को भी मार दिया गया था.”

अगस्त महीना बांग्‍लादेश के लिए दुर्भाग्‍यपूर्ण

पार्टी ने अगस्त को बांग्लादेश के लिए “दुर्भाग्यपूर्ण महीना” बताते हुए कहा कि इसी महीने,  21 अगस्त 2004 को ढाका में एक बर्बर ग्रेनेड हमला हुआ था और 17 अगस्त 2005 को देशभर में सिलसिलेवार बम धमाके किए गए थे. अगस्त 2024 से “स्वतंत्रता और राष्ट्र विरोधी ताकतें, जो पाकिस्तानी विचारधारा से प्रभावित हैं, घरेलू और विदेशी साजिशों के जरिए अवैध रूप से सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है.”

सरकार ने एक समृद्ध बांग्लादेश को गलत दिशा में मोड़ दिया

उन्‍होंने अरगे कहा कि मुहम्मद यूनुस की सरकार ने एक समृद्ध बांग्लादेश को गलत दिशा में मोड़ दिया और लोगों के लिए सभी अवसरों के दरवाज़े बंद कर दिए. इसलिए लोगों से अपने दुख को ताकत में बदलने की अपील की और बांग्लादेश को उसकी “वर्तमान कैद की स्थिति” से आज़ाद कराने का संकल्प लिया. साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि 15 अगस्त 1975 को राक्षसी बंगबंधु की हत्या पर ही नहीं रुके, बल्कि उन्होंने हत्या की जांच और सुनवाई को रोकने के लिए एक शर्मनाक क्षतिपूर्ति कानून भी पास किया.”

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