Britain : वर्तमान समय में अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन में भी भारतीय कर्मचारियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई है. जानकारी देते हुए बता दें कि कुछ ही समय पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के नियमों में बड़ा बदलाव किया था. इसके साथ ही उन्होंने इसके आवेदन की फीस एक लाख डॉलर कर दी थी और अब ब्रिटेन ने भी अपने कानून बदले हैं. बता दें कि ब्रिटेन की लेबर पार्टी की कीर स्टारमर सरकार ने घोषणा करते हुए कहा कि यूनाटेड किंगडम में विदेशी कर्मचारियों को स्थाई निवास के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
ब्रिटिश गृह मंत्री शबाना महमूद ने कहा
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब ब्रिटेन में रह रहे विदेशी कर्मचारियों को स्थाई निवास की अर्हता के लिए पांच साल की जगह अब दस साल का इंतजार करना होगा. इस मामले को लेकर मीडिया ने जानकारी दी कि ब्रिटिश गृह मंत्री शबाना महमूद का कहना है कि प्रवासियों को खुद को अच्छा नागरिक साबित करना होगा और इसके लिए कई नए टेस्ट पास करने होंगे. इसके साथ ही उन्हें इससे कई और फायदे भी हो सकते हैं. क्योंकि उनके लिए नागरिकता हासिल करने का रास्ता भी आसान हो जाएगा.
नए नियमों में ये सब शामिल
इतना ही नही बल्कि नए नियमों के अनुसार अब भारतीयों को स्थाई निवास के आवेदन के लिए दोगुने इंतजार के साथ राष्ट्रीय बीमा में योगदान देना होगा. इसके साथ ही उन्हें हाई क्वालिटी की इंग्लिश सीखनी होगी और स्थानीय धार्मिक संस्थाओं में स्वयंसेवा करनी होगी. बता दें कि स्टारमर सरकार ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती दिखाई है.
सरकार के इस फैसले से छात्रों पर पड़ेगा असर
जानकारी देते हुए बता दें कि ब्रिटेन में भारतीय मूल के काफी लोग हैं, जो कि पढ़ाई और काम के सिलसिले में लंबे वक्त से वहां रह रहे हैं. ऐसे में ब्रिटेन सरकार के इस फैसले से भारतीय लोगों पर काफी बड़ा असर पड़ा है. बता दें कि स्थाई निवास के लिए आवेदन का दोगुना वक्त होने की वजह से भारतीय पर आर्थिक बोझ पड़ सकता है और उन्हें कई प्रकार की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.
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