ड्रैगन आर्मी को लेकर चीन की उड़ी नींद, जारी किया नोटिस, जानिए

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

China: भारत का पड़ोसी देश चीन इस समय सबसे ज्‍यादा परेशान अपनी ही ‘ड्रैगन आर्मी’ से है. आर्मी में जवानों की भारी कमी की वजह से बीजिंग की नींद उड़ी हुई है. ऐसे में चीन की सरकार ने सभी स्‍कूलों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करें कि उनके बच्‍चे सेना में आए. ड्रैगन आर्मी का कहना है कि नए लोग जब सेना में भर्ती होंगे तो उसका विकास होगा.

शिक्षा मंत्रालय ने जारी की नोटिस

जानकारी के अनुसार, बुधवार को चीनी शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें विश्‍वविद्यालयों और स्‍थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे खासकर ग्रेजुएशन के अंतिम साल के छात्रों को सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करें.

इस वजह से नोटिस जारी

दरअसल, साल 2017 के तुलना में साल 2024 तक चीन की सेना में लगभग 7 लाख सैनिकों की कमी देखी गई है. स्टेटिस्टा ने 2024 में जो आंकड़ा जारी किया उसके अनुसार, साल 2024 में चीन के पास 20 लाख सैनिक हैं. और अब इसे भरने का ज़िम्मा देश के कॉलेज स्टूडेंट्स को सौंपा जा रहा है. नोटिस में कहा गया है कि कॉलेज छात्रों को सेना में भर्ती के लिए उत्साहित करने के लिए जरूरी माहौल तैयार किया जाए ताकि वो इसमें बढ़चढ़कर शामिल हो.

नोटिस में आगे कहा गया है कि कॉलेज छात्र चीन की वर्ल्ड क्लास मिलिट्री तैयार करने के लिए एक जरूरी टैलेंट पूल है. चीनी सरकार का मानना है कि शिक्षा के माध्‍यम से देशभक्ति और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना, सेना की आधुनिकता और राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूती के लिए आवश्‍यक है. इसके साथ ही छात्रों के लिए करियर के नए रास्ते खोलने का भी असरदार तरीका है.

जागरूकता फैलाने के लिए ये कर रहा चीन

चीनी सरकार ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे अपने कैंपस में एक इमर्सिव रिक्रूटमेंट माहौल बनाएं. इसके तहत हॉस्टल और कैंटीन एरिया में भर्ती सूचना बूथ लगाए जाएंगे. इसके अलावा बैनर, पोस्टर, वीडियो और ब्रोशर के माध्‍यम से भी जागरूकता फैलाई जाएगी. फ्रेशर्स की मिलिट्री ट्रेनिंग, प्लेसमेंट फेयर और ग्रेजुएशन सेरेमनी जैसे इवेंट्स में भी सेना भर्ती अभियान को शामिल करने की बात कही गई है.

छात्रों को लुभाने के लिए दिए जा रहे फायदे

जारी नोटिस में यह भी कहा गया है कि छात्रों की पढ़ाई के स्तर के अनुसार अलग-अलग तरीके से अभियान चलाया जाए. फाइनल ईयर के छात्रों के लिए एजुकेशनल सब्सिडी, आगे की पढ़ाई में मदद, ऑफिसर ट्रेनिंग, एनओसी और मिलिट्री में करियर ग्रोथ जैसी बातों पर ज़ोर दिया जाए. वहीं, जूनियर छात्रों के बीच राष्ट्र रक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान हो.

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