Chinese ambassador: अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही रूस से व्यापार करने के वजह से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसकी चीन ने भी निंदा की है. डोनाल्ड ट्रंप पर प्रहार करते हुए नई दिल्ली में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने उन्हें धमकाने वाला बताया.
चीनी राजदूत ने सोशल मीडिया पर बिना किसी का नाम लिए लिखा कि धमकाने वाले को एक इंच दे दो, वह एक मील ले लेगा. इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी और ब्राजील के राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार के बीच हाल ही में हुई फोन कॉल का एक अंश भी साझा किया.
अमेरिका का फैसला संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन
फेइहोंग ने कथित तौर पर कहा कि भारत समेत अन्य देशों को दबाने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों को कमज़ोर करता है. वहीं, उत्तरवर्ती अमेरिकी प्रशासनों ने भारत को एक ऐसे प्रमुख साझेदार के रूप में देखा है जिसके चीन के संबंध में समान विचारधारा वाले हित हैं.
चीन दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी
जानकारों के मुताबिक, भारत और चीन दक्षिण एशिया में रणनीतिक प्रभाव के लिए एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं. वहीं, कहा जा रहा है कि पीएम मोदी इस महीने के अंत में अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी चीन की यात्रा कर सकते हैं. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन यदि पीएम मोदी चीन जाते है, तो यह 2018 के बाद उनकी पहली यात्रा होगी. हालांकि इससे पहले पीएम मोदी और शी जिनपिंग की आखिरी मुलाकात अक्टूबर 2024 में रूस में हुई थी.
अमेरिका के जीडीपी में आ सकती है कमी
वहीं, ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि संचयी टैरिफ जो न केवल भारत के वियतनाम जैसे निर्यात प्रतिद्वंद्वियों, बल्कि चीन के टैरिफ से भी ज़्यादा हैं. ऐसे में अमेरिका को होने वाले निर्यात में 60% की कमी ला सकते हैं और जीडीपी में लगभग एक प्रतिशत की कमी ला सकते हैं. इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में अर्थव्यवस्था 6.5% बढ़ेगी, जो पिछले साल के बराबर है और उससे पहले देखी गई औसत 8% वृद्धि से काफ़ी कम है.
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