भारत के साथ दोस्ती को तहस-नहस कर दिया, ट्रंप पर भड़के पूर्व अमेरिकी एनएसए बोल्टन

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

India US Relation: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहली सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे जॉन बोल्टन ने भारत के प्रति ट्रंप प्रशासन की नीतियों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत के साथ दशकों से चली आ रही साझेदारी को तहस-नहस कर

भारत के साथ साझेदारी को बिगाड़ दिया India US Relation

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने स्काई न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के हफ्तों में भारत के साथ दशकों की साझेदारी को बिगाड़ दिया है. ट्रंप ने भारत को रूस और चीन के करीब जाने के लिए मजबूर किया है. उन्होंने बताया कि ट्रंप 2.0 से पहले, अमेरिका ने भारत को शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ और चीन के साथ उसके लगाव से दूर करने की कोशिश की थी.

भारत को चीन के खतरे के बारे में दी चेतावनी

उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी देश, खासकर अमेरिका, दशकों से भारत को सोवियत संघ और रूस से पुराने रिश्तों, खासकर हथियारों की खरीद, से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने भारत को चीन के खतरे के बारे में चेतावनी दी, जिसका प्रतीक एशियाई सुरक्षा चतुर्भुज (जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका) है. बोल्टन ने यह भी बताया कि ट्रंप प्रशासन ने कई कदम उठाए, जैसे व्यापार वार्ताओं को अचानक रोकना, जिससे भारत नाराज हुआ.

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष की स्थिति खराब कर दी

जॉन बोल्टन ने कहा कि भारत सोच रहा था कि वह ट्रंप के साथ व्यापार समझौते के करीब है, जैसा कि ब्रिटेन ने किया, लेकिन ट्रंप ने इसे नजरअंदाज कर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया. इसके बाद ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ थोप दिया. उन्होंने रूस पर कोई टैरिफ नहीं लगाया. ट्रंप ने चीन, जो रूसी तेल और गैस का सबसे बड़ा खरीदार है, पर कोई टैरिफ नहीं लगाया. बोल्टन ने दावा किया कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष का पूरा श्रेय लेने की कोशिश की, जिससे स्थिति और खराब हो गई.

बोल्टन के घर की गई छापेमारी

उन्होंने कहा कि कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा, तो स्थिति पहले बिगड़ी, लेकिन बाद में शांत हो गई. ट्रंप ने इसका पूरा श्रेय खुद लिया और कहा कि उन्होंने इस साल छह या सात युद्ध रोके, जिसके लिए वे नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं. इससे भारत बहुत नाराज है. बोल्टन इस समय मौजूदा सरकार की नजर में हैं. पिछले हफ्ते उनके घर और दफ्तर पर छापेमारी की गई. अमेरिकी मीडिया के अनुसार, छापेमारी का कारण बोल्टन के पास गोपनीय दस्तावेजों का होना बताया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- अवामी लीग बोला-‘यूनुस ने बांग्लादेश को नर्क बना दिया’..जापा के कार्यालय पर हमलावरों ने लगाई थी आग

Latest News

20 October 2025 Ka Panchang: सोमवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

20 October 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त...

More Articles Like This

Exit mobile version