ट्रंप ने फिर भारत-पाक के बीच युद्धविराम कराने का लिया क्रेडिट, हमास को भी गंभीर परिणाम भुगतने की दी चेतावनी!

Qatar: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने का क्रेडिट लिया है. ट्रंप ने कहा कि मैंने इसे (युद्धविराम) करवाया. और भी समझौते हैं. अगर आप भारत और पाकिस्तान को देखें तो मैं कह सकता हूं कि मेरे द्वारा पहले किए गए लगभग किसी भी समझौते को रूस और यूक्रेन से ज्यादा मुश्किल माना जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मलेशिया जा रहे थे ट्रंप

दरअसल, ट्रंप आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मलेशिया जा रहे थे. इससे पहले वे कतर की राजधानी दोहा स्थित अल-उदीद एयर बेस पर रुके. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने का क्रेडिट खुद को दिया है. यहां ट्रंप ने पत्रकारों को संबोधित किया. ट्रंप ने ये टिप्पणियां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक फिर से शुरू करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर की. क्योंकि इससे पहले होने वाली बैठक की योजना फिलहाल अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है.

विभिन्न अन्य संघर्षों में शांति स्थापित करने के प्रयासों की सराहना

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि रूसी राष्ट्रपति ने अजरबैजान और आर्मेनिया सहित विभिन्न अन्य संघर्षों में शांति स्थापित करने के उनके प्रयासों की सराहना की और कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान सबसे चुनौतीपूर्ण है. ट्रंप ने कहा कि मुझे पता होना चाहिए हम (पुतिन के साथ) एक समझौता करने जा रहे हैं. मैं अपना समय बर्बाद नहीं करूंगा. व्लादिमीर पुतिन के साथ मेरे हमेशा से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं लेकिन यह बहुत निराशानजनक है. मुझे लगा था कि मध्य पूर्व में शांति आने से पहले यह समझौता हो जाता.

पुतिन ने मुझे फोन पर बताया था

हमारे पास अजरबैजान और आर्मेनिया है. यह बहुत मुश्किल था. पुतिन ने मुझे फोन पर बताया था वाह, यह अद्भुत था. क्योंकि हर किसी ने इसे पूरा करने की कोशिश की लेकिन वे नहीं कर पाए. प्रेस वार्ता के दौरान ट्रंप ने मध्य पूर्व में स्थायी शांति प्राप्त करने में विश्वास व्यक्त किया. साथ ही इजरायल के साथ युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन करने पर हमास को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.

हमास से जल्दी निपटना मुश्किल नहीं होगा

ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि यह (युद्धविराम) कायम रहेगा. अगर यह कायम नहीं रहता है तो हमास के साथ ऐसा होगा. हमास से जल्दी निपटना मुश्किल नहीं होगा. मुझे उम्मीद है कि हमास के साथ भी यह कायम रहेगा क्योंकि उन्होंने हमें किसी बात पर अपनी शर्त रख दी है, इसलिए मुझे लगता है कि यह कायम रहेगा और अगर ऐसा नहीं होता है तो उनके लिए बहुत बड़ी समस्या होगी.

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