आसीफ मुनीर के बाद अब व्‍हाइट हाऊस ने भी की ट्रंप के लिए नोबेल की मांग, भारत पाकिस्‍तान संघर्ष को लेकर कही ये बात

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Donald Trump: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर के बाद अब व्‍हाइट हाऊस ने भी अमेरिकी राष्‍ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार देने की बात कही है. दरअसल, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने दावा किया है कि डोनाल्‍ट ट्रंप ने दुनिया भर में कई संघर्षों को समाप्त कराया है, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच का संघर्ष भी शामिल है. ऐसे में ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाना चाहिए.

बता दें कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने 10 मई को सोशल मीडिया पर यह घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान ने वाशिंगटन की मध्यस्थता में ‘‘एक रात तक चली’’ बातचीत के बाद ‘‘पूर्ण रूप से और तुरंत’’ संघर्षविराम पर सहमति जतायी है. इसके बाद से वह बार-बार उन्‍होंने अपने इस दावे को दोहराते रहते है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव कम कराने में मदद की.

ट्रंप ने समाप्त करवाएं ये संघर्ष

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव गुरुवार को कहा कि ट्रंप ने ‘‘थाईलैंड और कंबोडिया, इजरायल और ईरान, रवांडा और लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, भारत और पाकिस्तान, सर्बिया और कोसोवो तथा मिस्र और इथियोपिया के बीच संघर्ष समाप्त कर दिए हैं.’’ साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि राष्ट्रपति ने अपने छह महीने के कार्यकाल में औसतन हर महीने एक शांति समझौता या युद्धविराम कराया है.

ट्रंप ने बार-बार दोहराया अपना दावा 

कैरोलिन लेविट ने कहा कि ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने का वक्त आ गया है. बता दें कि ट्रंप ने 30 बार से भी अधिक बार यह दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ‘‘कम कराने में मदद की” और परमाणु हथियार संपन्न दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों से कहा कि यदि वे संघर्ष रोकते हैं, तो अमेरिका उनके साथ “बहुत ज्यादा व्यापार” करेगा.

भारत-पाक संघर्षविराम में तीसरे पक्ष को कोई हाथ नहीं

हालांकि भारत ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के इस दावे को बार बार खारिज किया है, वहीं, हाल ही में भारतीय संसद में स्‍पष्‍ट किया गया है कि किसी भी देश के किसी भी नेता ने भारत से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोकने के लिए नहीं कहा था. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को साफ साफ कहा कि पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम लाने में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं था.

इतना ही नहीं, डा. एस जयशंकर ने ये भी कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने और व्यापार के बीच कोई लेना-देना नहीं था.  राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए भारतीय विदेशमंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले से लेकर 16 जून तक प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच टेलीफोन पर कोई बातचीत नहीं हुई थी.

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