यूरोपीय संघ ने उत्तर कोरिया पर लगाए नए प्रतिबंध, जानें क्या है वजह

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

European Union: यूरोपीय संघ (EU) ने उत्‍तर कोरिया के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. उत्‍तर कोरिया पर बैलिस्टिक और परमाणु मिसाइलों के विकास के निरंतर प्रयासों और रूस को समर्थन देने के कारण नए प्रतिबंध लगा दिए हैं. शुक्रवार को यूरोपीय संघ (ईयू) परिषद ने कहा कि यात्रा और संपत्ति संबंधी इन प्रतिबंधों से नौ और लोग तथा संस्थान प्रभावित होंगे.

यूरोपीय देशों के इस संगठन ने नार्थ कोरिया के परमाणु और मिसाइल परीक्षणों को लेकर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधों के तर्ज पर 2006 में इस पर पाबंदियां लगाना शुरू किया था. ईयू परिषद ने अब तक कुल 77 लोगों और 20 कंपनियों या संस्थानों पर प्रतिबंध लगाया है. ईयू ने कहा कि परिषद ने छह और लोगों तथा तीन निकायों पर पाबंदी लगा दिया है. इस साल उत्‍तर कोरिया ने कम से कम 22 मिसाइल लॉन्‍च किए हैं.

यूक्रेन पर दागी गईं उत्तर कोरियाई मिसाइलें 

जानकारी दें कि, रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका कह रहा है कि रूस जंग में उत्तर कोरिया के हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है. अब इसे लेकर पेंटागन की एक नई रिपोर्ट भी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि रूस यूक्रेन में उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है. रिपोर्ट में मलबे के एनालिसिस का हवाला देते हुए आरोपों की पुष्टि की गई है, कि प्योंगयांग मॉस्को को हथियार सप्‍लाई रहा है.

रूस ने किया उत्तर कोरियाई मिसाइलों से हमला

पेंटागन की रक्षा खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट ने ओपन-सोर्स इमेजरी का इस्तेमाल करके पुष्टि की है कि इस वर्ष जनवरी में यूक्रेन के खारकीव क्षेत्र में पाया गया मलबा उत्तर कोरिया में निर्मित कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का है. रिपोर्ट के साथ जारी एक बयान में डीआईए ने कहा कि विश्लेषण से पुष्टि होती है कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उत्तर कोरिया में निर्मित बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया की मिसाइलों का मलबा पूरे यूक्रेन में मिला है.

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